उत्तरी कश्मीर से 262 युवाओं ने भारतीय सेना में शामिल होकर एक नया इतिहास रच दिया है. बारामूला और बांदीपोरा जिलों से 262 युवाओं ने भारतीय सेना की पासिंग-आउट परेड में हिस्सा लिया. खास बात ये है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने और विशेष राज्य का दर्जा खत्म होने के बाद यह सबसे बड़ा समूह है जो (Kashmir has changed) एक साथ सेना में भर्ती हुआ है. जो घाटी की नई तस्वीर को बयां करता है.
Kashmir has changed – इस दौरान सभी लोग बेहद उत्साहित नजर आए. उन्होंने कहा कि 31 हफ्तों की कड़ी ट्रेनिंग के बाद वो पाकिस्तानी आतंकियों के खात्मे के लिए पूरी तरह तैयार हैं. उन्होंने कहा कि हमने दिन-रात कड़ी मेहनत की है और अब आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने को तैयार हैं. जवानों ने कहा कि वो घाटी में शांति चाहते हैं. उन्होंने कहा कि आतंकियों का खात्मा करना उनका पहला मिशन है.
परिवारों और गांवों में खुशी का माहौल
इस मौके पर न सिर्फ जवान बल्कि उनके परिवारों और गांवों में भी खुशी का माहौल है. परिजनों का कहना है कि उनके बेटे देश के काम आएंगे इससे बड़ी खुशी की बात और क्या हो सकती है. परिजनों ने कहा कि हमें खुशी हैं कि हमारे बच्चे पत्थरबाज नहीं बने बल्कि देश की सेवा के लिए सेना में गए.
‘यह अनुच्छेद 370 हटने का असली असर’
वहीं कुपवाड़ा के एक जवान के पिता, जो खुद सेना से रिटायर हुए हैं, उन्होंने खशी जाहिर करते हुए गर्व से कहा ‘मैं खुद आर्मी ( Army) से रिटायर आया हूं. खुशी है कि मेरे संस्कार और मेरा खून अब आगे बढ़ रहा है.’ उन्होंने कहा कि हमारे इलाके बच्चे पहले गुमराह होकर पत्थर उठाते थे, लेकिन आज वो राइफल थाम रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद 370 हटने का असली असर है.
