साल 2019 में पुलवामा हमले में जो घर आतंकियों का ठिकाना बना था. एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने उसे जब्त करने का आदेश दिया है. इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. सीआरपीएफ काफिले पर हुए हमले की साजिश काकापोरा के इसी घर में रची गई थी. घटना को जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने अंजाम दिया था. स्पेशल (big order of NIA court) कोर्ट ने इस पर बड़ा फैसला सुनाते हुए इसको जब्त करने का फैसला सुनाया है.
big order of NIA court – स्पेशल कोर्ट ने जिस घर को जब्त करने का आदेश दिया है. वह 9.5 मरले में है और वह नसीमा बानो के नाम पर दर्ज है. नसीमा बानो आरोपी पीर तारिक अहमद शाह की पत्नी है. कोर्ट ने पाया कि आतंकी मुहम्मद उमर फारूक, समीर अहमद डार और आदिल अहमद डार ने बम विस्फोट से पहले और बाद में इस घर में शरण ली थी और उनके परिवार के सदस्यों ने आतंकियों को मदद पहुंचाई थी.
संपत्ति के हस्तांतरण पर कोर्ट ने लगाई रोक
कोर्ट ने इसके किसी भी तरह के हस्तांतरण पर रोक लगा दी है. स्पेशल जज संदीप गंडोत्रा ने आवासीय मकान को जब्त करने का आदेश एनआईए के चीफ इन्वेस्टिंग ऑफिसर राजीव ओम प्रकाश पांडे की अर्जी पर दिया. कोर्ट ने कहा कि अगर संपत्ति से आंतकी गतिविधियों में मदद मिलने का प्रमाण मिलता है, तो जब्ती के लिए मुख्य अभियुक्त का स्वामित्व जरूरी नहीं है.
पुलवामा हमला सबसे बड़ा आतंकवादी हमला
पुलवामा हमला सबसे बड़ा आतंकवादी हमला था. विस्फोटकों से लदी एक मारुति इको कार को CRPF के काफिले में घुसाकर आत्मघाती हमला किया था. कार में लगभग 200-300 किलो RDX था. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में अवंतीपोरा के पास यह हमला हुआ था. जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी. 40 CRPF जवान शहीद हो गए जबकि 35 से ज्यादा घायल हो गए.
