मध्य प्रदेश में सतना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा की कानूनी परेशानियां बढ़ गई हैं. जबलपुर स्थित विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट डीपी सूत्रकार एमपी-एमएलए कोर्ट ने उनके (congress MLA Siddharth Kushwaha) खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. यह मामला 1 लाख 25 हजार रुपए के चेक बाउंस से जुड़ा है, जिसमें लगातार समन भेजे जाने के बावजूद विधायक अदालत में पेश नहीं हो रहे थे. अदालत ने सतना पुलिस को आदेश दिया है कि वह उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करे.
2016 से चल रहा है मामला
विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा के खिलाफ यह मामला वर्ष 2016 से लंबित है. इस मामले में अदालत बार-बार समन जारी कर रही थी, लेकिन उन्होंने पेशी से परहेज किया. कोर्ट ने पहले भी कई नोटिस भेजे, लेकिन उनके अनुपस्थित रहने के कारण अब जमानती वारंट जारी किया गया है. विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट डीपी सूत्रकार की अदालत ने यह आदेश दिया है.
congress MLA Siddharth Kushwaha – परिवादी के अधिवक्ता शरद गुप्ता ने बताया कि विधायक के खिलाफ चेक बाउंस का मामला लंबे समय से चल रहा था। कोर्ट ने कई बार नोटिस भेजे, लेकिन विधायक ने पेशी से बचने की कोशिश की. अब अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.
सतना पुलिस अधीक्षक को निर्देश
कोर्ट ने सतना एसपी को आदेश दिया है कि वे वारंट की तामील कराएं और विधायक को अगली सुनवाई में अदालत में पेश करें. इस मामले की अगली सुनवाई 3 अप्रैल को होगी, जिसमें सिद्धार्थ कुशवाहा को अदालत में उपस्थित रहना अनिवार्य होगा. इससे साफ है कि अब प्रशासनिक स्तर पर भी मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है.
कौन हैं सिद्धार्थ कुशवाहा?
सिद्धार्थ कुशवाहा सतना विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक हैं. वे क्षेत्र में एक प्रभावशाली नेता माने जाते हैं, लेकिन यह मामला उनकी राजनीतिक छवि को नुकसान पहुंचा सकता है. विपक्षी दल पहले ही इसे लेकर कांग्रेस पर हमलावर हो सकते हैं. इस मामले की अगली सुनवाई 3 अप्रैल 2025 को होगी. यदि सिद्धार्थ कुशवाहा अदालत में उपस्थित नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है.
अब यह देखना होगा कि कांग्रेस विधायक इस कानूनी प्रक्रिया का सामना कैसे करते हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि विधायक इस मामले में क्या रुख अपनाते हैं और क्या उन्हें आगामी सुनवाई में राहत मिलती है या नहीं.