हरिद्वार : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि महिला आरक्षण बिल को लेकर भाजपा की नीयत साफ नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा अगर (Intentions Not Clear) वाकई में महिलाओं के बारे में सोचती है तो इस बिल को 2024 में लागू किया जाए। रुड़की में दिल्ली रोड स्थित एक होटल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार ने महिला आरक्षण बिल को पेश किया और वह सर्वसम्मति से पास हो गया। वह इस बिल का स्वागत करते हैं।

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उन्होंने कहा कि इस बिल को लेकर भाजपा की नियत स्पष्ट नहीं है, क्योंकि सरकार परिसीमन और जनसंख्या गणना की बात कहती हैं और इसे 2029 में लागू करने की बात कहते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार यदि महिलाओं का हित सोचती है तो 2024 में इस बिल को लागू करें। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता गलत भाषा का प्रयोग करते हैं तो उस पर भाजपा का कोई एक्शन नहीं दिखाई देता, लेकिन अगर कांग्रेस के किसी नेता की जुबान भी फिसल जाए तो हल्ला मचा दिया जाता है।

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Intentions Not Clear – उन्होंने किसानों की पांच मांगों को सरकार के सामने रखा, जिसमें आपदा के दौरान नष्ट हुई फसलों का उचित मुआवजा, गन्ने का मूल्य कम से कम सवा चार सौ रुपए प्रति क्विंटल, बिजली का बिल हर महीने की बजाय तीसरे महीने से दिया जाए, किसानों के ऋण माफ किया जाए और छह माह के लिए वसूली को रोके जाना चाहिए। इसके साथ ही रावत ने मांग की कि इकबालपुर चीनी मिल पर बकाया गन्ना भुगतान जल्द से जल्द किया जाए।

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