देहरादून : शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने रविवार को कैंट रोड स्थित (Garbage Bank) छावनी परिषद की ओर से स्थापित पॉलीथिन कचरा बैंक का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह देश का प्रथम ऐसा बैंक है जो घरों, सड़कों से गंदगी को साफ करेगा। साथ ही आमदनी का माध्यम भी बनेगा। इसके अलावा इस बैंक से पॉलीथिन एकत्र कर आगे भेजा जाएगा, जिससे टाइल्स, बोर्ड, गमले आदि सजावटी सामान बनाये जाएंगे।

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इस मौके पर डॉ. अग्रवाल ने बताया कि छावनी परिषद देहरादून ने प्लास्टिक कचरे के निस्तारण के लिए गढ़ी व प्रेमनगर में पॉलीथिन कचरा बैंक की स्थापना की है, जो सराहनीय है। इन संग्रहण केंद्रों में पॉलीथिन अपशिष्ट जैसे पॉलीथिन बैग, चिप्स रैपर, पैकिंग बैग, प्लास्टिक के कट्टे, ब्रेड, पॉलिथीन बैग, केक, बिस्कुट, कुकीज, स्नैक्स, कुरकुरे, दूध, तेल, शैम्पू, हैंडवाश तरल साबुन, चिप्स/वेफर्स, कैंडीज, गद्दे, पनीर पफ्स, आइसक्रीम, आइसक्रीम दही, छाछ, जूस आदि की पन्नी और कंडीज, नूडल्स, अनाज / कॉर्नफ्लेक्स / नाश्ता अनाज के साथ लेपित चीनी, मिष्ठान्न आदि तीन रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदे जाएंगे।

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Garbage Bank – उन्होंने बताया कि गढ़ी कैट में बिंदाल चौकी, डेयरी फार्म व प्रेमनगर में स्पेशल विंग में पॉलीथिन कचरा बैंक का संचालन इसी सप्ताह प्रारंभ कर दिया जाएगा। मंत्री ने बताया कि इस बैंक में हर माह न्यूनतम 70 टन और अधिकतम 100 टन तक पॉलीथिन कचरा खरीदने का लक्ष्य है। प्रतिदिन 2300 से 3300 किलो पॉलीथिन कचरा कैंट क्षेत्र व शहर से एकत्र होगा। जिससे टाइल, बोर्ड सहित कई उपयोगी उत्पाद तैयार किये जाएंगे। पॉलीथिन कचरा बैंक में आम लोग पॉलीथिन कचरा बेच सकते हैं। उन्हें इसका भुगतान किया जाएगा। इस प्लास्टिक कचरे से टाइल्स व बोर्ड बनाने वाली कंपनी को इसी दर पर बेच दिया जाएगा। कैंट क्षेत्र के अलावा आसपास के लोग भी पॉलीथिन कचरा बैंक आकर अपना पॉलीथिन कचरा बेच सकते हैं।

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