एक फ्रांसीसी मंत्री ने जून में कहा था कि, सितंबर में पहले राफेल के भारत आने की उम्मीद है| इसके बाद, 35 राफेल जेट विमानों को एक के बाद एक यहाँ डिलीवर किया जाएगा| ये जेट वायुसेना में आधुनिकता को बढ़ावा देगा, क्योंकि भारतीय वायु सेना अभी भी रूसी निर्मित मिग को उड़ाता है जिन्हें पहली बार 1960 के दशक में लांच किया गया था|
भारतीय वायु सेना ने कल राफेल फाइटर जेट को अपनी सेना में शामिल करने के लिए एक कदम और बढ़ाया, जिसमें एयर मार्शल आर.के.एस भदौरिया ने इस विमान को एक “गेम-चेंजर” बताया| एयर मार्शल ने यह भी कहा कि ” फ्रांस निर्मित राफेल और रूसी सुखोई 30 का सेना में शामिल होना हमारे विरोधियों के खिलाफ शक्तिशाली हथियार होगा, चाहे वह विरोधी पाकिस्तान हो या कोई और|”
फ्रांस के वायु बेस, मोंट दे मारसन से वाईस चीफ ने कहा कि, “यह एक बहुत अच्छा अनुभव था| हमे और भी बहुत कुछ सीखना हैं जैसे इसका सही इस्तेमाल और सुखोई के साथ इसका मिलान|” फ्रांस स्थित डसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित, राफेल एक ट्विन-इंजन मल्टी-रोल फाइटर जेट है, जो परमाणु-सक्षम हैं|
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यह इतना सक्षम है कि मिटियोर और स्कैल्प मिसाइलों के ज़रिये हवाई और हवा से जमीन पर बखूबी लड़ सकता है| इनके अलावा, यह ऑन-बोर्ड इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) प्रणाली के साथ, जासूसी और रडार जाम जैसी भूमिकाएं भी निभा सकता है|
2006, फरवरी में भारतीय वायुसेना ने 100 से अधिक ओरिजिनल मिग -21 जेट्स को अपग्रेड करके नए मिग -21 बाइसन में तब्दील किया,जो काफी आधुनिक पाकिस्तानी एयरक्राफ्ट F-16 के कंधे से कंधा मिलाकर चलते हैं| यह सब IAF ने पुलवामा हमले के बाद किया जिसमें 40 जवान शहीद हुए थे|
एयर मार्शल भदौरिया ने कहा, “पाकिस्तान द्वारा इस तरह के (27 फरवरी की तरह) ऑपरेशन के लिए, उनके पास बहुत अधिक हथियार हैं जिनसे उन्हें काफी नुकसान होगा| हमारे पास और भी बड़े और बेहतर हथियार होंगे| इससे हमारे देश उन्नति होगी और सभी देशो के सामने हमारा सम्मान भी बढ़ेगा|
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