अवैध इमारतों से वसूली के लिए एलडीए का एक अवर अभियन्ता (जेई) खुद ही सीएम के आईजीआरएस पोर्टल पर अवैध इमारतों की शिकायत करवा रहा था। इनके आधार पर वह अवैध बिल्डिंग बनवाने वालों से वसूली (Illegal Recovery)  में जुटा रहा। सीएम के यहां शिकायत का डर दिखाकर करोड़ों की वसूली करा रहा था। ऐसी तकरीबन 300 शिकायतों का खुलासा होने के बाद प्राधिकरण अफसरों में हड़कंप मचा है। उसने ये सभी शिकायतें एलडीए के ही कंप्यूटर से अपने भतीजे के नाम से कराईं। वीसी ने मामले की विस्तृत जांच के लिए अपर सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बना दी है।
 एलडीए वीसी डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी को हाल ही में एक अवर अभियन्ता की शिकायत मिली। इंजीनियर प्राधिकरण के प्रवर्तन विभाग में तैनात है। शहर में बन रही अवैध इमारतों से वसूली का खेल चल रहा है। ऐसे में जिन इमारतों की शिकायत हो जाती है, वहां वसूली और बढ़ जाती है। यह देखकर जेई ने मनमानी वसूली के लिए खुद ही अवैध इमारतों की शिकायत शुरू कर दी। शिकायत में वह मोबाइल नम्बर अपने भतीजे का डलवाता था। उसने एक नाम और मोबाइल नम्बर से अवैध इमारतों की शिकायतें कराईं। वीसी ने गुरुवार को अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा की अध्यक्षता में कमेटी बना दी है।
Illegal Recovery – इस बारे नें जानकारी देते हुए एलडीए, उपाध्यक्ष, डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने कहा कि शिकायतें वसूली के लिए दर्ज कराई गईं। फौरी जांच में पता चला कि इसके लिए एलडीए का ही कम्प्यूटर इस्तेमाल किया गया। विस्तृत रिपोर्ट आने पर कठोर कार्रवाई होगी। संबंधित पर मुकदमा भी होगा। बता दें कि वसूली रैकेट में वीसी की ओर से जांच में फिलहाल सात इंजीनियरों के नाम आए हैं और यह सभी प्रवर्तन में ही तैनात रहे हैं। इनके खिलाफ शिकायतें भी मिलती रही हैं।
Exit mobile version