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टेक्नोलॉजी ज्ञान : ट्रू कॉलर पर unknown व्यक्ति का नाम कैसे पता चलता है!

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ऐसे सर्वर में कैद हो जाती है जानकारी

नई दिल्ली। देश में ट्रू कॉलर के करोड़ों यूजर्स के पास हैं। इस एप्प के जरिए उन unknown लोगों के नाम पता चल जाता है, जिनके नंबर हमारे फोन में सेव नहीं होते हैं।

इस एप के जरिए कॉलर आइडेंटिफिकेशन, कॉल ब्लॉकिंग, कॉल रिकॉर्डिंग भी की जा सकती हैं। ट्रू कॉलर पर जैसे ही यूज़र्स साइन अप करते हैं।

उस दौरान वह यूज़र्स डिटेल्स मांगता है, जैसे नाम, मोबाइल नंबर आदि। इसके अलावा वह आपके मोबाइल पर मैसेज पढ़ना, संपर्क को पढ़ने का भी एक्सेस की अनुमति भी मांगता है।

जब यूज़र्स ट्रू कॉलर को अपना एक्सेस दे देते हैं। उसके बाद डाटा अपने सर्वर में स्टोर कर लेता है। ऐसे में जो भी यूजर्स ट्रू कॉलर एप का उपयोग करते हैं। उनका डाटा ट्रू कॉलर के सर्वर में कैद कर लिया जाता  है।

यहां तक कि अगर आपका कोई जानने वाला व्यक्ति ट्रू कॉलर यूजर है। और उसके फोन में आपका नंबर सेव है, तो ट्रू कॉलर के पास आपका नंबर और जिस नाम से नंबर सेव किया गया है वह भी उसके डेटाबेस में पहुंच जाएगा।

इसी कारण कोई unknown व्यक्ति आपको फोन करता है और उसका नाम और नंबर अगर ट्रू कॉलर के डेटाबेस में स्टोर है तो फोन करने वाले व्यक्ति का नाम स्क्रीन पर अपने आप शो होने लगेगा।