Advertisement

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से की मुलाकात, वन मामलों संबंधी स्वीकृतियां शीघ्र प्रदान करने का किया आग्रह

0
28
Forest Matters

शिमला : मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ हिमाचल प्रदेश की विभिन्न वन परियोजनाओं एवं लंबित स्वीकृतियों (Forest Matters) के विषय में विस्तृत चर्चा की। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया कि प्रदेश में हेलीपोर्ट निर्माण, राज्य को वर्ष 2025 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने की दिशा में आवश्यक ग्रीन कॉरिडोर के निर्माण तथा विद्यालयों के भवन निर्माण सहित सरकार की प्रमुख योजनाओं के लिए आवश्यक वन स्वीकृतियां में तेजी लाने का आग्रह किया।

इसे भी पढ़ें – हिमाचल प्रदेश को 225 करोड़ रुपये दिए गए , ‘बल्क ड्रग पार्क’ की पहली क़िस्त जारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत राज्य में हेलीपोर्ट निर्मित किए जाने आवश्यक हैं। इससे जहां राज्य में पर्यटकों को आवागमन में सुविधा होगी, वहीं स्थानीय निवासियों को आपातकालीन स्थिति में शीघ्र सहायता उपलब्ध करवाई जा सकेगी। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया कि हेलीपोर्ट निर्माण के लिए लंबित आवश्यक वन स्वीकृतियों के विषय में अविलंब निर्णय लिया जाए।

Forest Matters – मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वन मंत्री को अवगत करवाया कि प्रदेश सरकार हिमाचल में पूर्ण रूप से ई-वाहन अपनाने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि ई-वाहनों के लिए पर्याप्त संख्या में चार्जिंग स्टेशन के निर्माण के लिए प्रदेश के सभी राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों के दोनों ओर ग्रीन कॉरिडोर निर्मित किए जाने हैं। उन्होंने आग्रह किया कि इन कार्यों में गति लाने के लिए वन भूमि के संबंध में विभिन्न स्वीकृतियां समय पर प्रदान की जाएं।

इसे भी पढ़ें – हिमाचल प्रदेश पर्यटन क्षेत्र देशभर में अव्वल, उद्योग मंत्री ने नई दिल्ली में प्राप्त किए तीन पुरस्कार

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कुछ जगह पर वन स्वीकृतियों में विलम्ब के कारण स्कूल भवन निर्माण इत्यादि के कार्य में अनावश्यक देरी हो रही है। उन्होंने आग्रह किया कि इन मामलों में स्वीकृतियां शीघ्र प्रदान की जाएं। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश के वन अधिकारी वन अधिकार अधिनियम, वन संरक्षण अधिनियम सहित अन्य विषयों पर केंद्रीय स्तर पर और बेहतर समन्वय के साथ कार्य करें ताकि स्वीकृतियां समय पर प्राप्त हो सकें। उन्होंने प्रदेश के जल अभ्यारण्यों एवं इको टूरिज्म दिशा निर्देशों के संबंध में भी विस्तृत विचार-विमर्श किया।