प्रयागराज : मकर संक्रांति पर्व पर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदी के पावन संगम में स्नान के साथ लगभग डेढ़ महीने तक चलने वाला माघ मेला सोमवार से प्रारंभ हो गया। मेलाधिकारी दयानंद प्रसाद के मुताबिक, सोमवार को दोपहर 12 बजे तक लगभग 12 लाख 50 हजार श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई। उन्होंने बताया कि रविवार की रात से ही श्रद्धालुओं का मेला क्षेत्र में (First Bathing Festival) आना शुरू हो गया जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे शामिल हैं।

इसे भी पढ़ें – 22 जनवरी को नहीं जा पा रहे अयोध्या? घर बैठे ऐसे पांए राम मंदिर का प्रसाद

First Bathing Festival – तीर्थ पुरोहित आचार्य राजेंद्र मिश्र ने बताया कि मकर संक्रांति में स्नान का मुहूर्त कल रात्रि दो बजकर 42 मिनट पर सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश के साथ शुरू हुआ है और यह आज सूर्यास्त तक रहेगा। उन्होंने बताया कि चूंकि माघ मेला सर्दी के मौसम का मेला है, इसलिए कड़ाके की ठंड पड़ने के बावजूद स्नानार्थियों के उत्साह में कोई कमी नहीं है और लोग आज तड़के से ही स्नान कर रहे हैं। जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि स्नान के दौरान किसी तरह की अनहोनी से बचने के लिए 11वीं वाहिनी एनडीआरएफ वाराणसी की दो टीमें घाटों पर तैनात की गई हैं।

इसे भी पढ़ें – Amitabh Bachchan ने अयोध्या में खरीदी जमीन, क्या राम मंदिर के पास बनाएंगे नया घर

उन्होंने बताया कि माघ मेले को 786 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बसाया गया है और पांच सेक्टरों में बांटा गया है। श्रद्धालुओं की
सुविधा के लिए आठ प्रमुख घाट बनाए गए हैं जिनकी लंबाई लगभग 3300 फुट है और आगे स्नान पर्वों पर ये घाट बढ़ाए जाएंगे। इसके अलावा, नदी पार करने की सुविधा के लिए छह पांटून पुल बनाए गए हैं और 3.5 किलोमीटर डीप वाटर बैरीकेडिंग की गई है। मेले में अपनों से बिछड़े लोगों को उनके परिजनों से मिलाने के लिए सात खोया पाया केंद्र स्थापित किए गए हैं।

Share.
Exit mobile version