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रूस-यूक्रेन युद्ध से भड़की महंगाई की आग, खाद्य सामग्री के दामों में उछाल से रसोई का बजट बिगड़ा

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fire of inflation

रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते खाद्य पदार्थों के दामों में लगातार उछाल (fire of inflation) आ रहा है। खाद्य तेलों की कीमतों में 20 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसके अलावा अन्य खाद्य सामग्रियों के दाम भी पहले की अपेक्षा बढ़ गए हैं। इससे लोगों की रसोई का बजट भी बिगड़ रहा है।खाद्य पदार्थों की कीमतों में उछाल की मुख्य वजह रूस-यूक्रेन युद्ध के अलावा 10 मार्च को आने वाले चुनाव परिणाम माने जा रहे हैं। लोगों का मानना है कि पांच राज्यों के परिणाम किसी भी राजनीति पार्टी के पक्ष में आए, ऐसे में खाद्य पदार्थों की कीमतों में उछाल आना सम्भव है। इस वजह से खुदरा राशन विक्रेता और लोगों ने भी खाद्य पदार्थों का स्टॉक करना शुरू कर दिया है।

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Fire Of Inflation – तेल के पदार्थों के दामों में उछाल की वजह रूस-यूक्रेन माना जा रहा है। बड़े राशन विक्रेता विशाल वर्मा ने बताया कि सबसे ज्यादा तेल यूक्रेन से आता है। यूक्रेन से तेल का आयात पूरी तरह बंद हो गया है। ऐसे में दामों में बढ़ोतरी होनी शुरू हो गई है। आने वाले कुछ सप्ताह या महीनों में तेल के दामों काफी इजाफा होगा।

इसके साथ ही तेल की बिक्री भी कम हो जाएगी। ऐसे में उनके मुनाफे पर भी असर पड़ेगा। एक बड़े राशन विक्रेता ने बताया कि खुदरा दुकानदार अधिक मात्रा में राशन खरीद रहे हैं। खुदरा दुकानदारों ने दुकानों में खाद्य सामग्री स्टॉक करना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि चुनाव परिणाम के बाद पूरी संभावना जताई जा रही है कि खाद्य पदार्थों के दामों में उछाल आएगा।

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दूसरे थोक विक्रेता ने बताया कि पिछले दो सप्ताह में सबसे ज्यादा जीरे के दामों में उछाल आया है। 180 रुपये प्रतिकिलो मिलने वाला जीरा अब 230 रुपये प्रति किलो मिल रहा है। मांग के मुताबिक, जीरा की आपूर्ति नहीं होने से दामों में उछाल आ रहा है। जीरा के दामों में उछाल से ग्राहकों के साथ ही दुकानदार भी परेशान हैं।