लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को समाजवादी पार्टी (सपा) पर हमलावर होते हुए कहा कि अपनी सांस्कृतिक विरासत (Cultural Heritage) को अपमानित करने वाले लोगों को पहचानने की जरूरत है और यह भी देखें कि जो लोग श्रीराम को कोसते थे उन्हें आज जनता ने कहां पहुंचा दिया है। आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को विधान परिषद में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिये सदन में प्रस्तुत बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा श्रीरामचरित मानस के कथित अपमान की तरफ इशारा किया और कहा कि उनके संस्कार होंगे जो वे अपनी विरासत को कोस रहे हैं। इन लोगों ने भगवान राम तक को नहीं बख्शा।

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Cultural Heritage – उन्होंने कहा कि यह कौन लोग हैं जो विरासत को अपमानित कर रहे हैं। इन लोगों को पहचानने की आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश में जिन लोगों ने राम को कोसा था जनता ने उनको कहां पहुंचा दिया यह भी सब लोग जानते हैं। जो लोग कहते थे कि परिंदा भी पर नहीं मार सकता, वहां भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है। जनवरी 2024 में जब भगवान राम अपने मंदिर में विराजमान होंगे तो पूरा भारत ही नहीं, पूरी दुनिया गौरवान्वित होगी, विरासत का सम्मान करेगी। राम की विरासत पर हम सबको गौरव की अनुभूति होनी चाहिए।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि संत तुलसीदास ने श्रीरामचरितमानस के रूप में मध्यकाल में भारत का मार्गदर्शन करने वाला और गुलामी की बेड़ियों से मुक्त करने वाला एक अमर महाकाव्य दिया। आदित्यनाथ ने कहा कि उस कालखंड में उनको (तुलसीदास) भी अकबर के दरबार में बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने जाने से इनकार कर दिया था और कहा था कि मेरा तो एक ही राजा है और वह राम हैं। राम के सिवा मैं किसी को राजा नहीं मानता। यह बोलने का साहस मध्यकाल में किसी ने किया था तो वह महान संत तुलसीदास जी ने किया था।

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