चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसानों का (Crop Diversification)आहवान किया है कि वे परम्परागत फसलों की खेती के बजाय आधुनिक फसलों की खेती करें जिससे उनकी आय में वृद्धि तो होगी ही साथ ही पर्यावरण का संरक्षण भी सुनिश्चित होगा। श्री खट्टर रविवार को यहां किसानों को सम्बोधित करते हुये कहा कि फसल विविधीकरण में ही उनका भविष्य है। इस दिशा में प्रदेश सरकार ने एक नई पहल करते हुए अपनी तरह की अनूठी मेरा पानी-मेरी विरासत योजना शुरू की है जिसके तहत फसल विविधीकरण करते हुए जल संरक्षण सुनिश्चित करना मुख्य उद्देश्य है। यह योजना इस समय बेहद कारगर सिद्ध हो रही है और इसकी सफलता को देखते हुए वर्ष 2023-24 में 42480 करोड़ लीटर पानी की बचत का लक्ष्य रखा गया है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीफ-2020 से शुरू हुई मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत सरकार धान की फसल को वैकल्पिक फसलों जैसे मक्का, कपास, बाजरा, दलहन, सब्जियां और फल के साथ विविधिकरण करने के लिए किसानों को 7000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दे रही है। खरीफ वर्ष 2020 में 41,947 किसानों ने 63,743 एकड़ क्षेत्र में फसल विविधिकरण को अपनाया तथा इसके लिये 45 करोड़ रुपये अनुदान राशि प्रदान की गई। इससे लगभग 22565 करोड़ लीटर पानी की बचत हुई।
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Crop Diversification – इसी प्रकार, खरीफ 2023 में पिछले वर्ष की वैकल्पिक फसलों को इस वर्ष में शामिल करते हुये कुल 1.20 लाख एकड़ में फसल विविधिकरण लक्ष्य रखा गया है, जिस पर लगभग 84 करोड़ रुपये की अनुदान राशि खर्च होने की सम्भावना है। योजना के तहत लगभग 42480 करोड़ लीटर पानी की बचत का लक्ष्य है। गत 31 जुलाई तक लगभग 32150 किसानों ने अपनी 70170 एकड़ फसल का इस योजना के तहत पंजीकरण कराया है।