आजकल आपने Intermittent Fasting के बारे में सुना होगा। डाइटिंग और वजन कम करने वाले लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग को खूब फॉलो करते हैं। पिछले कुछ सालों से ये डाइट प्लान काफी ट्रेंड में है। आम लोग ही नहीं बल्कि स्टार्स भी भी इंटरमिटेंट फास्टिंग के जरिए अपना वेट लॉस कर चुके हैं। तो क्या आप भी वजन कम करने के लिए ‘इंटरमिटेंट फास्टिंग’ को फॉलो करते हैं? अगर जवाब हां में है तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है।
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बढ़ जाता है दिल के रोग का खतरा
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन पर प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक खाने के समय को दिन में केवल 8 घंटे तक सीमित करने से हृदय रोग से मृत्यु का जोखिम 91 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग को आसान भाषा में समझें तो दिन में एक फिक्स्ड टाइम तक हम कुछ नहीं खाते हैं, और एक छोटे समय में ही खाना खाते हैं।
इंटरमिटेंट फास्टिंग का एक सबसे लोकप्रिय तरीका माना जाता है। इसमें 16 घंटे उपवास रखा जाता है, और बाकी के 8 घंटे में खाना खाया जाता है। एक्सपर्ट्स की मानें तो इससे वेट लॉस करने में मदद मिलती है। ऐसे में अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की स्टडी ने सवाल खड़े कर दिए हैं और एक नई बहस छेड़ दी है।
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Intermittent Fasting के लिए डॉक्टर की सलाह लें
शिकागो में एक मेडिकल मीटिंग में पेश की गई इस रिसर्च में पाया गया कि दिन में सिर्फ 8 घंटे खाना खाने से दिल की बीमारी से मृत्यु का खतरा 91 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने इस स्टडी का केवल सार प्रकाशित किया है। एसोसिएशन के अनुसार, रिलीज से पहले इस स्टडी की समीक्षा अन्य विशेषज्ञों द्वारा की गई थी।
‘इंटरमिटेंट फास्टिंग’ सही है, या नहीं? सही जवाब के लिए डॉक्टर की सलाह जरूर लें। याद रखें हर किसी का शरीर अलग तरह से काम करता है। ऐसे में शरीर में पहले से कोई दिक्कत है और आप ‘इंटरमिटेंट फास्टिंग’ शुरू कर देते हैं तो इससे आपको कई हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं।