बिहार चुनाव की घोषणा से पहले भारतीय जनता (बीजेपी) को नया अध्यक्ष देने की तैयारी है. पार्टी आलाकमान ने अध्यक्ष पद के संभावित उम्मीदवारों के नामों का पैनल तैयार कर लिया है. इसके लिए नौ सितंबर को उपराष्ट्रपति चुनाव के बाद सलाह मशविरे की प्रक्रिया फिर शुरू की जाएगी. इसके बाद अध्यक्ष चुनाव का (BJP president’s name will not surprise) कार्यक्रम घोषित किया जा सकता है.

हालांकि उससे पहले यूपी, गुजरात और कर्नाटक जैसे बड़े राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष चुन लिए जाएंगे. ऐसा इसलिए भी क्योंकि पीएम मोदी यूपी से और गृह मंत्री अमित शाह गुजरात से राष्ट्रीय परिषद के सदस्य चुने जाने हैं. उनके निर्वाचन के बाद ही वे राष्ट्रीय अध्यक्ष के नामांकन पत्र के लिए प्रस्तावक बन सकते हैं. वहीं, बीजेपी संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले 36 में से कम से कम 19 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इकाइयों के अध्यक्षों का चुनाव होना जरूरी है.

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सूत्रों के अनुसार, पार्टी आलाकमान जातिगत, क्षेत्रिय और सामाजिक समीकरणों के आधार पर अध्यक्ष का चयन नहीं करना चाहती. सूत्रों ने यह स्पष्ट किया है कि ऐसा व्यक्ति अध्यक्ष चुना जाएगा जो संगठन की मजबूती पर ध्यान दे सके. सूत्रों ने यह भी कहा कि कोई चौंकाने वाला नाम नहीं होगा. मतलब ये कि किसी बड़े चेहरे को ही अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जाएगी, जिनके पास राष्ट्रीय स्तर पर संगठन जिम्मेदारी रह चुकी है.

 BJP president’s name will not surprise – संघ ने बीजेपी के अगले अध्यक्ष के नाम को लेकर करीब 88 वरिष्ठ नेताओं से राय मशविरा किया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी में एक आम राय ये है कि नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की उम्र 60 साल के आसपास होनी चाहिए. हालांकि सूत्रों ने यह भी कहा कि अगर किसी कारण से बिहार चुनाव के ऐलान से पहले नए अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो पाता है तो फिर यह बिहार चुनाव के बाद ही किया जाएगा.

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