मुंबई : आमची मुंबई का नारा देने वाले राज ठाकरे को बड़ा झटका लगा है। उनकी पार्टी महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (मनसे) एक भी सीट नहीं जीत पाई है। यहां तक की राज के बेटे अमित ठाकरे माहिम विधानसभा सीट भी नहीं बचा पाए। अब चुनाव आयोग उनकी पार्टी का
चुनाव चिह्न भी छीन सकता है। इस बारे में महाराष्ट्र विधान मंडल के पूर्व सचिव अनंत कलसे ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि किसी को राजनीतिक पार्टी के रूप में मान्यता देने और उसके (Big Brunt Of Electoral Defeat) लिए चुनाव चिह्न रिजर्व करने के लिए चुनाव आयोग के कुछ मापदंड हैं।

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चुनाव आयोग के नियम के मुताबिक अगर किसी पार्टी का एक विधायक चुना जाता है और उसे कुल वोट का 8 प्रतिशत वोट मिल जाए, तो उसकी मान्यता बनी रहती है। अगर 2 विधायक चुने जाते हैं और कुल वोट का 6 प्रतिशत वोट मिले, अगर 3 विधायक और कुल वोट का 3 प्रतिशत वोट मिले, तो ही चुनाव आयोग की शर्तें पूरी होती हैं और पार्टी की मान्यता बनी रहती है। ये शर्तें पूरी नहीं होने पर मान्यता रद्द की जा सकती है। इस चुनाव में मनसे को सिर्फ 1.8 प्रतिशत वोट मिले हैं और एक भी सीट नहीं मिली है।

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Big Brunt Of Electoral Defeat – मनसे पार्टी की मान्यता रद्द करने का मतलब है कि मनसे को रेलवे इंजन चुनाव चिन्ह भी नहीं मिलेगा। उन्हें अगले चुनाव में जो चुनाव चिह्न फ्री होंगे, उनमें से किसी एक को चुनना होगा, लेकिन इससे पार्टी के नाम पर कोई असर नहीं पड़ता। महाराष्ट्र चुनाव रिजल्ट के बाद राज ठाकरे ने बस बस इतना कहा- अविश्वसनीय! अभी के लिए बस इतना ही…

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