छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार (Bhupesh Govt) ने मजदूरों के परिवार की पहली दो बेटियों के लिए 20-20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने का फैसला किया है। यह सहायता बच्चियों की शिक्षा, रोजगार और शादी के लिए दी जाएगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गणतंत्र दिवस पर इस योजना की घोषणा की थी। ‘नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना’ के तहत आवेदन करने के लिए मजदूर को छत्तीसगढ़ का स्थायी निवासी होना चाहिए और छत्तीसगढ़ भवन और अन्य श्रमिक कल्याण बोर्ड के साथ रजिस्टर्ड होना चाहिए। मजदूरों की वयस्क, अविवाहित बेटियो को ही इस योजना का लाभ मिलेगा।
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Bhupesh Govt – इसके अलावा, लड़की के माता-पिता में से एक या दोनों को कम से कम एक साल के लिए श्रम बोर्ड में रजिस्टर्ड होना चाहिए। अधिकारियों ने बताया कि आश्रित बेटी, जिसके लिए आवेदन किया जाएगा, उसे किसी अन्य विभाग या बीओसी बोर्ड के साथ लाभार्थी के रूप में पंजीकृत नहीं किया जाना चाहिए। इस पैसे का उपयोग बेटियों की शिक्षा, रोजगार, कौशल उन्नयन, स्वरोजगार और शादी के लिए किया जा सकता है। श्रम विभाग के अधिकारियों ने कहा कि यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक कदम है। आर्थिक सहायता सीधे बेटियों के बैंक खातों में जमा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने दुर्ग जिले के पाटन विकासखण्ड के ग्राम ठाकुराईन टोला में महाशिवरात्रि के पावन अवसर छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल की नोनी सशक्तिकरण योजना का शुभारंभ करते हुए 16 हितग्राही बेटियों को 20-20 हजार रुपये के चेक सौंपे।
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आवेदन जमा होने के बाद जिला श्रम कार्यालय में निरीक्षक उसका वेरिफिकेशन कर सहायक श्रम आयुक्त, श्रम अधिकारी या सहायक श्रम अधिकारी को फॉरवर्ड करेगा। इसके बाद राज्य सरकार प्रत्येक पात्र लाभार्थी को 20,000 रुपये की सहायता प्रदान करेगी। जानकारी के मुताबिक, अगले कुछ दिनों में आवेदन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। आधिकारिक बयान के मुताबिक, ‘सरकार ने महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना, उन्हें बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की पहल करना शामिल है। सरकार महिलाओं को सरकारी योजनाओं से जोड़ने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है।’