नई दिल्ली : दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) की नियुक्ति को लेकर फिर (Atishi On LG) उप राज्यपाल, केजरीवाल सरकार के निशाने पर हैं। ऊर्जा मंत्री आतिशी ने डीईआरसी की नियुक्ति को असंवैधानिक और गैरकानूनी बताते हुए इसे मुफ्त बिजली बंद करने की साजिश बताया है। आतिशी ने कहा कि बिजली हस्तांतरित विषय है, जिसके चलते केंद्र राज्य सरकार की सिफारिश को मानने के लिए बाध्य है। इस फैसले के खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
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दिल्ली सचिवालय में आतिशी ने कहा, दिल्ली की जनता ने तीन बार भाजपा को नकारते हुए अरविन्द केजरीवाल को अपना मुख्यमंत्री चुना। भाजपा अब उसका बदला लेने के लिए मुफ्त बिजली रोकना चाहती है। इसकी शुरुआत असंवैधानिक तरीके से डीईआरसी चेयरमैन की नियुक्ति करके की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा डीईआरसी चेयरमैन के रूप में सेवानिवृत्ति जस्टिस उमेश कुमार की नियुक्ति की गई है। जबकि केजरीवाल सरकार ने रिटायर्ड जस्टिस संगीत लोढ़ा के नाम की सिफारिश की थी।
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Atishi On LG – आतिशी ने कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्लीवालों से बदला लेने के लिए बुधवार देर रात अंधेरे में राजपत्र निकालते हुए दिल्ली सरकार के सिफारिश के खिलाफ चेयरमैन की नियुक्ति की। जबकि 21 जून को दिल्ली सरकार ने डीईआरसी के चेयरमैन के लिए जस्टिस संदीप लोधा की सिफारिश उपराज्यपाल को भेजी थी। आतिशी ने कहा, एलजी ने सरकार के फैसले को न मानते हुए जस्टिस उमेश कुमार को डीईआरसी का चेयरमैन नियुक्त कर दिया। लेकिन, हम इसके खिलाफ संघर्ष जारी रखेंगे। जिस तरह पहले लड़कर काम कराते आएं हैं, उसी तरह इसके लिए भी लड़ेंगे। इस असंवैधानिक कदम को जरूर रोकेंगे।