जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से ही पूरा देश गुस्से की आग में जल रहा है. हर कोई पाकिस्तान से बदला लेने की बात कर रहा है. तमाम विपक्षी दल सरकार के साथ खड़े (Mani Shankar Aiyer’ Statement Created Panic) होकर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. इस बीच कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने पहलगाम हमले को लेकर सवाल खड़े किए हैं.

Mani Shankar Aiyer’ Statement Created Panic – अय्यर ने कहा कि 1947 में भारत का बंटवारा मूल्यों और राष्ट्रवाद की अलग-अलग व्याख्याओं के कारण हुआ था और आज भी हम उसी के नतीजों को भुगत रहे हैं. अय्यर ने कहा कि क्या पहलगाम की त्रासदी उसी बंटवारे के अधूरे सवालों की छाया नहीं है? जब पूरा देश आतंक के खिलाफ एकजुटता दिखा रहा है, तब बंटवारे की बातें करना क्या जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा नहीं है?

मुस्लिमों को तोड़फोड़ करने वाले खतरे के रूप में देख रहे

मणिशंकर अय्यर ने कहा कि उस समय भारत के सामने यही सवाल था कि लगभग 10 करोड़ मुसलमानों के साथ क्या किया जाए. यही वास्तविक प्रश्न आज भी उसे परेशान कर रहा है कि अब लगभग 20 करोड़ मुसलमानों के साथ क्या किया जाए? उन्होंने कहा, हमें सोचना होगा कि क्या हम जिन्ना के नजरिए को स्वीकार करते हैं और कहते हैं कि मुसलमानों के लिए अलग देश बन चुका है? क्या हम मुस्लिमों को हमारे बीच तोड़फोड़ करने वाले या संभावित खतरे के रूप में देख रहे हैं.

मुसलमान क्या महसूस करता है?

कांग्रेस नेता ने कहा कि 1971 का विभाजन हुआ, जब पाकिस्तान की आधी से अधिक आबादी और उसके क्षेत्र का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा जानबूझकर इस आधार पर उससे दूर चला गया कि मुसलमान होना ही काफी नहीं है और बंगाली होना भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि यह समझने में फेल कि हर मुक्ति के इस पहचान के एक से अधिक आयाम होते हैं.

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