किसान आंदोलन :अरविन्द केजरीवाल का हमला, Arvind Kejriwal attacks Central Government
किसान आंदोलन का 32वां दिन, किसान लगातार संगर्ष करने में लगे हुए हैं,केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की लड़ाई आर-पार की हो चुकी है।
किसान इतनी कड़ाके की ठंड में भी अपने इरादों के साथ डटे हुए है।
लेकिन भाजपा का कोई ऐसा नेता नहीं जो इन कानूनों के फायदे बता सके। भाजपा किसानों से जमीन छीन कर अपने पूंजीपति दोस्तों को देने के लिए काले कानून लाई है.
इस समय पूरा भारत दो हिस्सों में बटा हुआ है, एक वह लोग हैं जो करोड़ों किसानों को नुकसान पहुंचा कर पूंजी पतियों को फायदा पहुंचाना चाहते हैं।
ये बातें रविवार शाम को सिंघु बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कही।
यह दूसरा मौका रहा जब वे यहां आए थे। केजरीवाल ने कहा की इस कानून के जरिये कॉर्पोरेट सेक्टर खेती संभालेगा।
उन्होंने कहा की इससे सिर्फ बड़ी कंपनियों को ही फयदा होगा।
दूसरी ओर वे लोग हैं जो इन करोड़ों किसानों के साथ खड़े हैं। यह बातें सिंधु बॉर्डर पर पहुंचे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कही गुरु गोविंद सिंह के चार बेटों व माता गुजरी जी की शहादत पर दिल्ली सरकार की पंजाब एकेडमी की तरफ से सिंधु बॉर्डर पर आयोजित कीर्तन दरबार में हिस्सा लेने पहुंचे मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा उन्होंने केंद्र सरकार को चुनौती दी कि वह तीनों कानूनों पर खुली बहस करा ले ताकि सच्चाई पूरे देश के सामने आ सके।
केंद्र सरकार से अपील की कि किसानों की बातें सुनकर तीनों कानूनों को वापस लें इस संघर्ष को यहीं खत्म कर दें देश का किसान दुखी है उन पर मुसीबत आई हुई है।
इस कड़ाके की ठंड में कई किसानों ने अपनी जान भी गावं दी है ,इस बीच पंजाब के एक वकील ने रविवार को दिल्ली के टीकरी बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन वाली जगह से कुछ दूर जहर खाकर खुदकुशी कर ली। किसान आंदोलन के दौरान यह खुदकुशी का तीसरा मामला है।
इससे पहले 16 दिसंबर को करनाल जिले के सिंघड़ा निवासी 65 साल के संत बाबा राम सिंह ने गोली मारकर खुदकुशी कर ली। वहीं, 20 दिसंबर को बठिंडा के रामपुरा फूल में गुरलाभ सिंह ने जहर खा लिया था। उनके घरवालों ने बताया था कि टीकरी बॉर्डर पर धरने से लौटने के बाद 2 दिन से परेशान था। उसके आखिरी बोल थे-पता नहीं क्या होगा करोड़ों किसानों का।
इसे भी पढ़े: यूपी पंचायत चुनाव में भाजपा की नई रणनीति,एक-एक से मिलो
बकौल केजरीवाल इस मंच के जरिए इतने पवित्र स्थान से पवित्र मौके पर हाथ जोड़कर केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि यह अपने ही लोग भाई बहन और बुजुर्ग हैं,
इनकी बातें सुनकर मांगे पूरी करते हुए तीनों काले कानून वापस ले लिए जाएं संघर्ष को यहीं खत्म किया जाए अब और कितनी सहादत चाहिए।
इसे भी पढ़े: Farmers Protest: कोरोना-किसान आंदोलन आखिर पंजाब में मोबाइल टावर तोड़ने की वजह क्या है?
करंट न्यूज़ आप तक किसान आंदोलन की हर खबर लाता रहेगा, ऐसे देश में जहाँ आज भी देश का एक बड़ा हिस्सा कृषि आधारित आय पर निर्भर करता है, वहां उसके मुद्दे सुनने और समझने के लिए आंदोलन की आवश्यकता पड़े ये कितना सही है इस पर हमे एक बार फिर से सोचना होगा.
किसान आंदोलन :अरविन्द केजरीवाल का हमला, Arvind Kejriwal attacks Central Government इस आर्टिकल और करंट न्यूज़ को like, share, subscribe करना ना भूले