उत्तर प्रदेश की सियासत में बीजेपी और सपा के बीच शह-मात का खेल जारी है. राज्यसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी से बागवत करने वाले सात विधायकों में से मनोज पांडेय, राकेश प्रताप सिंह और अभय सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने इन 3 बागी विधायकों को पार्टी से निष्कासित कर बीजेपी के पाले में गेंद डाल दी है. साथ ही कहा कि अब बीजेपी इन्हें मंत्री बनाए क्योंकि तीनों का (Akhilesh Yadav put ball) टेक्निकल इश्यू खत्म कर दिया है.

अखिलेश यादव ने कहा कि इनके मंत्री बनाए जाने में टेक्निकल इश्यू आ रहा था. वो मंत्री नहीं बन पा रहे थे. बीजेपी उनको यह कह कर टाल जा रही थी कि अभी आप सपा में हैं. अगर आप मंत्री बनेंगे तो आपको अपनी विधानसभा सदस्यता छोड़नी पड़ेगी और चुनाव दोबारा होंगे. इसके चलते वो मंत्री नहीं बन पा रहे थे तो मैने उनका टेक्निकल रीजन खत्म किया है.

अखिलेश ने दावा करते हुए कहा कि इन सबको मंत्री बनाने का आश्वासन दिया गया था. बीजेपी की अब जिम्मेदारी बनती है कि वह इन सभी विधायकों को मंत्री बनाए. बीजेपी अगर तीन को मंत्री बना देती है तो बाकी चार को भी निष्कासित कर देंगे ताकि वो भी मंत्री बन सकें. ऐसे में सवाल ये उठता है कि सपा से निकाले गए विधायकों को योगी सरकार में बनाया जाएगा?

Akhilesh Yadav put ball – राज्यसभा चुनाव 2024 के दौरान सपा के सात विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी. इनमें से मनोज पांडेय, राकेश प्रताप सिंह और अभय सिंह को सपा से बाहर कर दिया है जबकि राकेश पांडेय, पूजा पाल, विनोद चतुर्वेदी और आशुतोष मौर्य पर फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की गई. अखिलेश के एक्शन के बाद तीनों विधायकों की सदस्यता तो बच गई है और अब अगले डेढ़ साल तक कोई खतरा नहीं है, क्योंकि अब उन पर दलबदल कानून लागू नहीं होगा.

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