दुर्गदीपावली पर्व के दूसरे दिन आदिवासी समाज गौरी गौरा पर्व मनाते हैं. कुम्हारी के जजंगिरी में दीपावली की रात गौरा गौरी बैठाया गया. दूसरे दिन पूजा पाठ कर नगर भ्रमण किया गया. जिसमें बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग शामिल होते हैं. इस दौरान गांव में गौरी गौरा की बारात निकाली गई. बारात में महिलाएं परंपरागत (Gaura Gauri puja) आदिवासी नृत्य करते हुए आगे चल रही थी. इसके बाद गौरा गौरी विसर्जित किया जाता है. इसी दौरान सोटा प्रहार की परंपरा निभाई जाती है.

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सोटा प्रहार क्या है: गोड़ समाज के लोग सोटा प्रहार की परंपरा का निर्वहन करते हैं. इस परंपरा के तहत सोटा (चाबुक) मारा जाता है. हर साल पूर्व सीएम भूपेश बघेल इस कार्यक्रम में शामिल होते हैं और अपने हाथ पर चाबुक मरवाते हैं. गांव के गिरधारी लाल गोड़ ने पूर्व सीएम को सोटा मारने की परंपरा निभाई. जिसे देखने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. यह पर्व प्रदेश भर में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है.

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Gaura Gauri puja – गौरा गौरी पूजा में सोटा प्रहार की परंपरा के बारे में बताते हुए बघेल ने कहा कि हर साल कुम्हारी में निमंत्रण दिया जाता है. सोटा परंपरा में मैं खुद भी शामिल होता हूं आदिवासी समाज के लोग में सोटा लगाते हैं. प्रेम और भाइचारे का संदेश दिया जाता है. मनोरंजन भी है.

 

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