रायपुर : डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि बस्तर में ‘पूना मारगेम (पुनर्वास से पुनर्जीवन) कार्यक्रम में दण्डकारण्य के 210 माओवादियों द्वारा किए गया समर्पण बहुत बड़ी उपलब्धि है. यह बस्तर के लोगों के विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है. गृहमंत्री ने कहा, बस्तर अब लाल आतंक से मुक्त होकर विकास के मार्ग (poona Margame) पर सरपट दौड़ने को तैयार है. यह बस्तर के लोगों के लिए सुखद समय है, जिसकी उन्होंने कई वर्षों से अपेक्षा की थी.
नक्सलियों का सरेंडर बड़ी उपलब्धि: विजय शर्मा ने कहा कि जिस तरह से लगातार नक्सली संगठन से जुड़े युवा मुख्यधारा में आकर पुनर्वास की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, यह केवल केंद्र सरकार या राज्य सरकार की जीत नहीं बल्कि लोगों की भी जीत है. बस्तर के लोग सालों से लाल आतंक से मुक्त होना चाहते थे. हमारी सरकार बनते ही व्यापक रणनीति तैयार की गई, जिसमें सुरक्षा बलों के साथ स्थानीय प्रशासन, सामाजिक संगठनों और सजग नागरिकों को जोड़कर हिंसा की संस्कृति को संवाद और विकास की संस्कृति में परिवर्तित करते हुए शासन द्वारा सशस्त्र नक्सलवाद को 31 मार्च 2026 तक खत्म करने का संकल्प लिया गया.
‘पूना मारगेम (पुनर्वास से पुनर्जीवन): विजय शर्मा ने कहा कि हमने सबसे पहले नक्सल पीड़ित क्षेत्र में कैंपों की स्थापना कर वहां विकास के कार्य तीव्र गति से नियद नेल्लानार योजना के तहत काम (poona Margame) करने शुरु किए. नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क, आवास, पेयजल, बिजली, पीडीएस द्वारा राशन, चिकित्सा सुविधाओं आदि का विकास किया गया. इसके बाद शासन द्वारा पुनर्वास नीति का निर्माण किया गया ताकि मुख्यधारा से भटके युवा हिंसा का मार्ग छोड़कर वापस मुख्यधारा में जुड़ सकें.