नई दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों का आंदोलन जारी है। किसान नेताओं ने आज नए कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर मार्च निकाल रहे हैं। राकेश टिकैत जो की पश्चिमी यूपी के किसान नेता है उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, “ट्रैक्टर रैली 26 जनवरी की तैयारी है। हमारा रूट यहां से डासना है उसके बाद अलीगढ़ रोड पर हम रुकेंगे वहां लंगर होगा फिर वहां से हम वापस आएंगे और नोएडा वाले ट्रैक्टर पलवल तक जाएंगे। हम सरकार को समझाने के लिए ये कर रहे हैं।”

सरकार ने आंदोलनकारी किसान संगठनों से तीन नए कृषि कानूनों के जरिए सुधार की भावनाओं को समझने का निवेदन किया है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि देशभर से बड़ी संख्या में किसान तीन कृषि कानूनों के समर्थन में सामने आ रहे हैं। तोमर ने विश्वास जताया कि प्रदर्शनकारी संघ किसानों के हितों पर ध्यान केंद्रित करेंगे और रचनात्मक बातचीत के जरिए किसी समाधान पर पहुंचने में सरकार की मदद करेंगे। कानूनों का समर्थन करने वाले एक समूह के साथ बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए तोमर ने कहा कि सरकार देश के किसानों और उनके हितों के प्रति प्रतिबद्ध है। मंत्री ने कहा, “हम उन किसानों से मिल रहे हैं जो तीन कानूनों के समर्थन में आ रहे हैं। साथ में अधिनियमों का विरोध करने वालों के साथ वार्ता जारी रखे हुए हैं।”

बॉर्डर पर प्रदर्शन

बड़ी संख्या में पंजाब के किसान सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर पर भी यूपी वेस्ट और पंजाब के किसान संगठनों किसानों का प्रदर्शन एक महीने से ज्यादा समय से जारी है। केंद्र सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच सात दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन ये आंदोलन को खत्म कराने में नाकाम रही हैं। सरकार ने इन कृषि कानूनों को तीन बड़े सुधारों के तौर पर पेश किया है जिनका लक्ष्य किसानों की आय बढ़ाना और उनकी जिंदगी में सुधार करना है जबकि प्रदर्शनकारी किसानों का दावा है कि ये तीन कानून उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने वाले हैं और एमएसपी और मंडी व्यवस्था के खिलाफ हैं। प्रदर्शनकारी किसानों के साथ अगले दौर की वार्ता आठ जनवरी को होनी है जबकि सरकार कानूनों का समर्थन करने वाले विभिन्न किसान समूहों के साथ बैठक कर रही है।

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