पंजाब, यह धरती केवल पाँच नदियों की नहीं है, यह हज़ारों बुज़ुर्गों की कहानियों और अनुभवों का अथाह सागर है। आधुनिकता की तेज़ रफ़्तार ने परिवारों को तोड़कर छोटे-छोटे ‘यूनिट’ में बाँट दिया। घर (Salute to seniors) तो बड़े हो गए, लेकिन दिल के कोने छोटे पड़ गए और इन छोटे कोनों में हमारे बुज़ुर्ग—हमारे जीवन के बरगद के पेड़—अकेले खड़े रह गए। मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने इसी अदृश्य पीड़ा को पहचाना और एक योजना नहीं, बल्कि एक प्रेम-पत्र लिखा है—नाम है: ‘साडे बुज़ुर्ग साडा मान’ (हमारे बुज़ुर्ग हमारा मान)। यह महज़ एक नारा नहीं, यह पंजाब की उस संस्कृति की वापसी का संकल्प है, जहाँ बुज़ुर्ग घर की नींव होते थे, और उनकी हर ज़रूरत को पूरा करना परिवार का परम धर्म माना जाता था।

यह पहल बुज़ुर्गों के लिए किसी पुरानी पेंशन की तरह नहीं है, बल्कि यह वह पुराना प्यार और सम्मान लौटाने का प्रयास है, जिसके वे सच्चे हकदार हैं। यह योजना अंतर्राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस (3 अक्टूबर 2023 ) को शुरू की गई और इसका लक्ष्य राज्य के बुजुर्गों की आवश्यक देखभाल और सम्मान प्रदान करना है| मंत्री बलजीत कौर ने ‘साढ़े बुज़ुर्ग साड्डा मान’ घोषणा करते हुए कहा था कि इस अभियान का उद्देश्य राज्य में बुजुर्गों की भलाई को बढ़ावा देना है।

Salute to seniors – पंजाब सरकार ने राज्य के बुजुर्ग निवासियों के लिए एक पेंशन योजना भी शुरू की है, जिससे 22 लाख वरिष्ठ नागरिक लाभ ले रहे हैं और जो वर्तमान में ये पेंशन प्राप्त कर रहे हैं। इस पहल का उद्देश्य समाज में ऐसे लोगों के लिए आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करना है, जिनके पास आय का कोई पुख्ता स्रोत नहीं है। प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना के तहत, लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे ₹1,500 प्रति माह जमा किए जाते हैं।

 

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