Two accused including woman arrested for demanding money from advocate in honeytrap In Sonipat

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
– फोटो : अमर उजाला


सोनीपत में अधिवक्ता को हनीट्रैप में फंसाकर रुपये मांगने के मामले में सोनीपत में गठित एसआईटी ने बड़ी कार्रवाई की है। मामले में कार्रवाई करते हुए एसआईटी ने दो अधिवक्ताओं व एक महिला को गिरफ्तार किया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने अधिवक्ता पर पहले दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया। उसके बाद सोनीपत कोर्ट में वकालत करने वाले दो अधिवक्ताओं ने उससे पहले आठ लाख व बाद में पांच लाख की मांग की। पीडि़त ने उपायुक्त को शिकायत दी तो एसआईटी गठित की गई। जिसमें अब पुलिस ने तीन आरोपियों को काबू किया है। उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा।

पुलिस को मिली शिकायत के अनुसार

सोनीपत कोर्ट में वकालत करने वाले अधिवक्ता प्रदीप कुमार ने पुलिस आयुक्त को शिकायत दी थी कि एक महिला ने सिविल लाइन थाना में 11 अप्रैल को दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। महिला उनके परिचित सुरेंद्र उर्फ जादूगर की जानकार थी। सुरेंद्र ने उन्हें कॉल कर कहा था कि वह महिला का मोबाइल नंबर उनके पास भेज रहे हैं, उनसे जानकारी लेकर उनके मुकदमे में पैरवी कर देना। जिस पर उन्होंने महिला की पैरवी की थी।

अधिवक्ता ने आरोप लगाया था कि महिला ने उस मुकदमे में पैसे लेकर राजीनामा कर लिया था। वह 18 अप्रैल का महिला के साथ थाने में गए थे। जहां पर उसने शपथपत्र देकर कहा था कि वह मामले में कार्रवाई नहीं कराना चाहती। पुलिस ने मुकदमा झूठा मिलने पर उसे निरस्त कर दिया था। साथ ही महिला के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी थी। जब उन्होंने महिला से अपनी फीस की मांग की तो उसने मना कर दिया था। जिस पर उनकी महिला से कहासुनी हो गई थी।

इस पर महिला ने सोनीपत कोर्ट में वकालत करने वाले अधिवक्ता विजय इंदौरा व मनोज दहिया के साथ मिलकर उनके खिलाफ ही 13 मई को एक झूठा मुकदमा नशीला पदार्थ पिलाकर दुष्कर्म का करा दिया। उसमें उसके परिचित सुरेंद्र को भी आरोपी बनाया गया था। बाद में उन्हें ब्लैकमेल किया जाने लगा। उन्हें मामले में समझौता करने को एक चैंबर में बुलाया गया। जहां पर विजय ने समझौता कराने के नाम पर आठ लाख व मनोज दहिया ने पांच लाख की मांग की थी। साथ ही कहा था कि वह उनके मुकदमे को खारिज करा देंगे। महिला ने उनके हक में शपथपत्र दिलवा देंगे। साथ ही कहा था कि जरूरत पडऩे पर उसकी जमानत करा देंगे।

उन्होंने पैसे देने से मना कर दिया था। जिस पर उन्होंने आयुक्त को शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की। आयुक्त ने मामले में एसीपी गन्नौर गोरखपाल के नेतृत्व में एसआईटी बनाई थी। एसआईटी ने जांच कर अधिवक्ता पर दर्ज मुकदमे को रद्द कर दिया था। अब मामले में एसआईटी ने आरोपी दोनों अधिवक्ता व महिला को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा।

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