केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव पर तंज करते हुए कहा कि उन्हें अखिलेश यूपी में कानून-व्यवस्था की स्थिति के बारे में झूठ बोलते हुए शर्म भी नहीं आती है, जबकि हकीकत यह है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अपने कार्यकाल में फले-फूले अपराधियों और माफियाओं को खदेड़ दिया है। शाह ने कहा, पिछले पांच वर्षों में डकैती 70 और लूट के अपराधों में 69.3 प्रतिशत की गिरावट आई है। हत्या के अपराधों में भी 30 प्रतिशत की कमी देखी गई है। शाह ने किसानों से वादा किया कि भाजपा अपने घोषणा पत्र में लाने वाली है कि अगर गन्ने के भुगतान में देरी हुई तो किसानों को सूद समेत पैसा मिलेगा और यह मिल मालिकों से वसूला जाएगा। उन्होंने यहां प्रभावी मतदाता संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अखिलेश और जयंत चौधरी की एकजुटता का उपहास उड़ाया और कहा, आजकल अखिलेश यादव और जयंत साथ-साथ दिख रहे हैं, लेकिन यह सिर्फ वोटिंग तक का साथ है, अगर गलती से भी इनकी सरकार बन गई तो जयंत चौधरी जी फिर कहीं नहीं दिखेंगे, तब फिर से आजम खान और अतीक अहमद सामने आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह इनके अखिलेश के टिकट बांटने से ही सबको साफ साफ समझ आ गया है। लोकतंत्र में वोट की शक्ति के महत्व को समझाने के लिए कबीरदास का दोहा उद्धृत किया, कबीरा लोहा एक है, गढ़ने में है फेर, ताहि का बख्तर बने, ताहि की शमशेर। दोहे के माध्यम से उन्होंने साफ किया कि मतदाता का एक वोट माफिया राज से मुक्ति भी दिला सकता है और माफिया राज वापस भी ला सकता है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में मतदान की अपील करते हुए शाह ने दिवंगत जाट नेताओं पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह तथा किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत का जिक्र किया और पूछा कि क्या कोई यहां के दंगों को भूल सकता है जिनमें पीड़ितों को ही आरोपी बनाया गया था। केंद्रीय गृह मंत्री ने योगी आदित्यनाथ सरकार और अखिलेश के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल के अपराधों के तुलनात्मक आंकड़ें फिर से जारी किये और सपा प्रमुख को मीडिया के समक्ष अपने कार्यकाल के आंकड़े पेश करने की चुनौती दी। शाह ने समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान हुए मुजफ्फरनगर दंगों का जिक्र किया और आरोप लगाया कि इन दंगों में वोट बैंक के लिए अखिलेश सरकार ने आरोपियों को पीड़ित बना दिया और पीड़ितों को आरोपी। पुलिस ने एक खास वोट बैंक के लिए पीड़ितों को आरोपी बनाया और और हजारों फर्जी मामले दर्ज किए गए। उन्होंने कहा, मैं भाजपा संगठन को बधाई देता हूं जिसने संजीव बालियान के नेतृत्व में अदालतों और सड़कों पर न्याय की लड़ाई लड़ी। शाह ने सवाल उठाते हुए कहा, मैं मुजफ्फरनगर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों से पूछना चाहता हूं कि क्या वे दंगों को भूल गए हैं। उन्होंने तीन सौ से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य देते हुए कहा, यही मुजफ़फरनगर है जो उप्र में भाजपा की प्रचंड जीत की नींव रखता है और यहां से जो लहर उठती है वह काशी तक जाती है और हमारे विरोधियों का सूपड़ा साफ कर देती है– इस बार भी यही होने वाला है। शाह ने कहा कि अगर चूक हुई तो दंगा भड़काने वाले लोग फिर से लखनऊ में सत्ता में बैठेंगे और अगर जनता चाहती है कि कोई दंगा न हो तो पूर्ण बहुमत की भाजपा की सरकार बनाएं। मुजफ्फरनगर में 2013 में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी।
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