उत्तरकाशी : पिछले नौ दिन से सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों तक छह इंच की पाइपलाइन के जरिए खिचड़ी भेजने के कुछ घंटों बाद बचावकर्मियों ने मंगलवार को तड़के उन तक एक कैमरा भेजा और उनके सकुशल होने का पहला वीडियो जारी किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पुन: फोन कर निर्माणाधीन सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए चलाए जा (Workers Safe) रहे बचाव एवं राहत कार्यों की जानकारी ली। इस बीच, अमेरिकी ऑगर मशीन के जरिए बड़े व्यास के माइल्ड स्टील पाइप डालकर ‘एस्केप पैसेज’ बनाने का काम तीन दिन बाद फिर शुरू हो गया।
इसे भी पढ़ें – नैनीताल पहुंचे MS धोनी, गूगल की वजह से हुए परेशान
Workers Safe – आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सोमवार देर शाम दिल्ली से एंडोस्कोपिक फ्लैक्सी कैमरा आने के बाद इसे सुरंग के अंदर भेजा गया। उन्होंने कहा कि जारी किये गये वीडियो में पीले और सफेद रंग के हेलमेट पहने श्रमिक पाइपलाइन के माध्यम से भेजा गया भोजन प्राप्त करते हुए और एक-दूसरे से बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह इन श्रमिकों के परिवारों के लिए एक बड़ी राहत है।
इसे भी पढ़ें – नैनीताल सड़क हादसे में नौ की मौत, सात एक ही गांव के शामिल
इस बीच, मलबे को आर-पार भेदकर डाली गयी 53 मीटर लंबी छह इंच व्यास वाली पाइपलाइन के जरिए सोमवार रात को श्रमिकों तक खिचड़ी भेजी गयी। खिचड़ी को चौड़े मुंह वाली प्लास्टिक की बोतलों में पैक कर श्रमिकों तक पहुंचाया गया। सुरंग में चलाए जा रहे बचाव अभियान के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि इस पाइपलाइन से दलिया, खिचड़ी, कटे हुए सेब और केले भेजे जा सकते हैं। बचाव अभियान में जुटे सुरक्षा कर्मचारी निपू कुमार ने कहा कि संचार स्थापित करने के लिए पाइप लाइन में एक वॉकी-टॉकी और दो चार्जर भी भेजे गए हैं। इससे पहले, चार इंच की पाइपलाइन के जरिए श्रमिकों तक भोजन, पानी, दवाइयां और आक्सीजन भेजी जा रही थी।