लाखों नागा साधुओं का हुजूम कश्मीर की ओर कूच करेगा. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के बैनर तले दशनामी नागा साधुओं ने ये निर्णय लिया है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष, (travel towards temples of Kashmir) श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट हरिद्वार के अध्यक्ष और पंचायती श्री निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्र पुरी महाराज ने इस निर्णय की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कश्मीर में हिंदू मठों और मदिरों की रक्षा करने के लिए नागा साधुओं ने ये फैसला लिया है.

travel towards temples of Kashmir – उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर जगतगुरू शंकारचार्य की तपस्थली रहा है. ऐसे में हिंदू मठ और मंदिरों की रक्षा करना हम नागा साधुओं का कर्तव्य है. दरअसल हरिद्वार के कनखल स्थित जगतगुरु आश्रम की स्थापना के मौके पर मंहत रविंद्र पुरी महाराज की अध्यक्षता में संतों महंतों की एक बैठक में दशनाम नागा साधुओं ने फैसला लिया कि वो जम्मू-कश्मीर कूच करेंगे.

महंत रविंद्र पुरी ने सरकार से की ये अपील

इस बैठक में शंकराचार्य स्वामी राजेश्वराश्रम महाराज, जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महराज, श्री निरंजनी पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज भी बैठक में मौजूद रहे. महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने कश्मीर से धारा 370 हटाई ताकि पूरे देश के लोग वहां जाकर रहें. कश्मीर में शांति हो सके. उन्होंने नागा संन्यासियों के कश्मीर के लिए कूच करने पर सरकार से सहयोग की अपील की.

कश्मीर में फिर से सनातन धर्म की स्थापना होगी 

साथ ही महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि दशनामी अखाड़ों के बंद पड़े मंदिर और मठों को भी खुलवाने में नागा साधुओं की सहायता की जाए. उन्होंने कहा कि बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर जगद्गुरु शंकराचार्य के संयोजन में लिया गया फैसला जल्द पूरा किया जाएगा. कश्मीर में जब हिंदुओं की संख्या बढ़ेगी तो वहां फिर से सनातन धर्म की स्थापना होगी.

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