नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने मांग की है कि दिल्ली जल बोर्ड घोटाले में तीन व्यक्तियों की गिरफ्तारी पर्याप्त नहीं है। इस घोटाले (Water Board Scam) में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जाए क्योंकि जल बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में उन्हें इस घोटाले की पूरी जानकारी थी। उन्होने बताया कि डीजेबी ने वर्ष 2015 में कारपोरेशन बैंक को दिल्ली जल बोर्ड के बिलों को वसूलने का अधिकार दिया लेकिन बैंक ने यह काम दूसरी कंपनी, दूसरी ने तीसरी कंपनी को दे दिया।
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Water Board Scam – कंपनी ने उपभोक्ताओं से मिली नकद राशि, चैक जल बोर्ड के पास जमा कराने की बजाय फर्जी खातों में जमा करा दिए। जल बोर्ड के अधिकारियों, जल बोर्ड के द्वारा नियुक्त फंड कलेक्टर एजेंट और बैंक के अधिकारियों की सांठ-गांठ थी जिन्होंने सैंकड़ों करोड़ रुपए का गबन किया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हैरानी की बात यह है कि 2018 के अंत में यह घोटाला दिल्ली जल बोर्ड के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के सामने आया तो चांज में पता चला 20 करोड़ का घोटाला हो चुका है।
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अधिकारियों ने इसकी जानकारी मुख्यमंत्री और जल बोर्ड के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल को दी लेकिन कार्रवाई करने की बजाय इस बैंक का अनुबंध जारी रखा और प्रति बिल कमीशन भी एक रुपए बढ़ा कर छह रुपए कर दिया। सीएजी ऑडिट की मांग करते हुए उन्होने कहा कि सीएजी ने कई पत्र लिखे उसका जवाब नहीं दिया गया क्योंकि ऑडिट के बाद पता चलेगा कि यह 200 करोड़ का घोटाला है। इसलिए मुख्यमंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके इस सारे मामले की व्यापक जांच कराई जाए।