दिल्ली में नगर निगम के नए परिसीमन के बाद 22 वार्ड कम होंगे (Wards Will Be Reduced) यानी दिल्ली में सिर्फ 250 वार्ड रह जाएंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने परिसीमन समिति को वार्ड की संख्या वाला आदेश भी भेज दिया है। परिसीमन की प्रक्रिया को चार महीने में पूरा किया जाएगा। गुरुवार को समिति ने आगे की कार्ययोजना तय करने लिए बैठक बुलाई है।

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राज्य चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि परिसीमन के हिसाब से वार्ड की संख्या तय होने के बाद सोमवार को समिति की पहली बैठक हुई थी। इसमें तय हुआ कि वर्ष 2011 की जनगणना में दिल्ली की आबादी को ध्यान में रखकर ही वार्ड का परिसीमन किया जाएगा। उस समय दिल्ली की आबादी 1.67 करोड़ थी। सभी विभागों से जरूरी आंकड़े उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। इसमें मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से दिल्ली के पोलिंग स्टेशन की संख्या व लोकेशन की जानकारी मांगी गई है। जनगणना से संबंधित आंकड़े समेत जीएसडीएल (भू-स्थानिक दिल्ली लिमिटेड) से विधानसभा वार मैपिंग रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।

Wards Will Be Reduced – अधिकारी ने बताया कि सभी विभागों से डाटा मिलने के बाद कार्ययोजना तैयार होगी। इसके लिए अलग-अलग टीम बनाई जाएगी जो कि क्षेत्र का सर्वे करेगी। केंद्र सरकार ने बीते 9 जुलाई को राज्य चुनाव आयुक्त विजय देव के अध्यक्षता में दिल्ली नगर निगम के परिसीमन करने के लिए समिति का गठन किया था।

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1958 में अस्तित्व में आया था निगम : दिल्ली नगर निगम अप्रैल 1958 में अस्तित्व में आया था। इस दौरान 11 स्थानीय निकायों और एक दिल्ली जिला बोर्ड का विलय करके नगर निगम का गठन किया गया था। नगर निगम में वर्ष 1958 से 67 तक केवल 80 वार्ड थे। वर्ष 1967 में वार्डों की संख्या 100 कर दी गई। इसके बाद वर्ष 1997 में वार्डों की संख्या बढ़कर 134 की गई और वर्ष 2007 में वार्डों की संख्या 272 तक पहुंच गई। वर्ष 2011 में नगर निगम का विभाजन करके तीन निगमों का गठन किया गया। तीनों निगम में भी वार्डों की संख्या 272 रखी।

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