चंडीगढ़/नूहं : नूंह में हुई हिंसा की घटना पर सदन में चर्चा को (Uproar In Assembly) लेकर सोमवार को विधान सभा में जमकर हंगामा हुआ। सरकार ने मामला अदालत में विचाराधीन होने का तर्क देकर इस पर सदन में चर्चा नहीं करवाई। विपक्ष के हंगामे के चलते स्पीकर को दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। विधानसभा में शून्यकाल के दौरान विपक्षी दल कांग्रेस ने पहले सरकार को संदीप सिंह के मुद्दे पर घेरा तो उसके बाद नूंह में हुई हिंसा की घटना को लेकर विपक्ष आक्रामक हो गया।

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दरअसल विपक्षी विधायक गीता भुक्कल, राव दान सिंह, आफताब अहमद व अन्यों द्वारा कानून-व्यवस्था व हालिया हिंसा की घटना को लेकर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिया गया था। विपक्ष ने जैसे ही इस मुद्दे पर बात शुरू की तो स्पीकर ने कई कानूनों का हवाला देकर कहा कि मामला अदालत में विचाराधीन होने के कारण चर्चा नहीं करवाई जा सकती। स्पीकर ने कहा कि हाईकोर्ट ने इस मामले का संज्ञान लिया है तथा अभी अदालती कार्रवाई जारी है। नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा, बीबी बत्तरा, जगबीर मलिक व अन्यों ने कहा कि हाईकोर्ट में केवल निर्माण गिराने के मामले की सुनवाई हो रही है नूंह हिंसा का केवल रैफरेंस दिया गया है। नूंह हिंसा के संबंध में न तो सू मोटो नोटिस लिया गया है और न ही कोई याचिका दायर की गई है।

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Uproar In Assembly – हुड्डा ने सीएम की तरफ इशारा करते हुए कहा कि इस मामले की हाईकोर्ट के जज से जांच करवाई जाए। बी.बी. बत्तरा ने कहा कि नूंह हिंसा पर पुलिस, मुख्यमंत्री तथा गृहमंत्री सभी के अलग-अलग बयान हैं। नूंह हिंसा पर चर्चा की मांग को लेकर कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। स्पीकर अन्य मुद्दों पर चर्चा करवाना चाहते थे लेकिन कांग्रेस ने कार्यवाही नहीं चलने दी। जिसके चलते सदन की कार्यवाही को तीस मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया।

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