नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने नकली नोट छापने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस संबंध में गिरोह के तीन आरोपियों को अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया है। इनके पास से 50 लाख रुपये के नकली नोट बरामद हुए हैं। आरोपी पिछले 5 वर्षों से नकली नोटों के धंधे में थे (Three Arrested With Fake Notes) और इन्होंने अबतक करीब 5 करोड़ रुपये के नकली नोट बाजार में चलाए हैं।
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आरोपियों को हिरासत में लेकर उत्तर प्रदेश के बदायूं के सहसवान में छापेमारी की। वहां से कच्चा माल, उच्च गुणवत्ता वाले लैपटॉप, प्रिंटर और अन्य उपकरणों सहित नोट छापने वाले पूरे सेट-अप का खुलासा कर दिया। आरोपी आसिफ अली का जन्म 1996 में उत्तर प्रदेश के बदायूं के सहसवान में हुआ था। उनके पिता किसान और मां गृहिणी हैं। उसने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की। 2013 में 12वीं पास करने के बाद उसने बदायूं के उझानी में एक यूनानी चिकित्सा डॉक्टर के साथ काम करना शुरू किया। यहीं उसे दवाओं के बारे में पता लगा। 2016 में, उसने अपने पैतृक गांव में लोगों को दवाएं देना शुरू किया, लेकिन कमाई कम थी। इसके बाद उसने नोट छापने का काम शुरू कर दिया।