उत्तर प्रदेश के कानपुर में भीतरगांव ब्लॉक के बारी गांव में एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. गांव के बेटे अनादि मिश्रा की अल्जीरिया के अन्नाबा शहर में फैक्ट्री में ब्लास्ट में जान चली गई. उनकी उम्र 43 साल थी. वो अन्नाबा में एक स्पंज आयरन कंपनी में ऑपरेटर के रूप में काम करते थे. मौत के 12 दिन बीत जाने के (son died in Algeria) बाद भी उनका शव गांव नहीं पहुंच सका. शव के आने में हो रही देरी से पूरा परिवार परेशान था. बुधवार को पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे बुजुर्ग पिता राजेंद्र मिश्रा (68) की सदमे में मौत हो गई.

अनादि मिश्रा ने 18 जून को अल्जीरिया की स्पंज आयरन कंपनी में ऑपरेटर के रूप में काम शुरू किया था. मात्र एक महीने बाद ही 17 जुलाई को कारखाने में हुए भीषण ब्लास्ट में वह गंभीर रूप से घायल हो गए. अस्पताल में इलाज के दौरान अगले दिन 18 जुलाई को उन्होंने दम तोड़ दिया. परिवार को जैसे ही यह खबर मिली, हर कोई सदमे में डूब गया. अनादि के छोटे भाई अर्पित मिश्रा ने बताया कि उनके पिता राजेंद्र मिश्रा पहले से ही कैंसर से जूझ रहे थे. बेटे की मौत की खबर ने उन्हें पूरी तरह तोड़ दिया. उन्होंने खाना-पीना छोड़ दिया और हर पल बेटे के शव के आने का इंतजार करते रहे.

son died in Algeria – 12 दिन बीत जाने के बावजूद अनादि का शव भारत नहीं लाया जा सका. इस इंतजार ने परिवार की उम्मीदों को धीरे-धीरे तोड़ दिया. बुधवार को राजेंद्र मिश्रा का भी देहांत हो गया. परिवार के लिए यह दोहरा दुख असहनीय हो गया. घर में अब अनादि की मां कांती मिश्रा, भाभी सुनीता, बहनें पूनम, प्रीती, स्वाती और भतीजे विभू व रिभू बचे हैं. पूरा परिवार गम में डूबा है. गांव में   भी इस घटना से शोक की लहर है.

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