तालिबान प्रशासित अफगानिस्तान में 2 लोगों को कोड़े मारने की सजा सुनाई गई है. दोनों पर नैतिक भ्रष्टाचार का आरोप है. आदेश के मुताबिक कोड़े की सजा पाने वाले में एक पुरुष और एक (the fun of Taliban in punishing) महिला है. दोनों को 35-35 कोड़े मारने की बात कही गई है. हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब तालिबान की तरफ से किसी को कोड़े मारने की सजा सुनाई गई है.
अमु टीवी के मुताबिक इसी साल मार्च महीने में 72 लोगों को कोड़े की सजा सुनाई गई है. हर दिन औसतन 4 लोगों को तालिबान के अलग-अलग प्रांतों में कोड़े मारे गए.
कोड़े मारने की सजा में बढ़ोतरी
रिपोर्ट के मुताबिक कोड़े मारने की सजा में बढ़ोतरी हुई है. अमु टीवी का कहना है कि सिर्फ 1 से लेकर 18 मार्च 2025 तक अफगानिस्तान के अलग-अलग इलाकों में 72 लोगों को कोड़े मारने की सजा सुनाई गई है.
अधिकांश लोगों पर चोरी और घर से भागने के आरोप हैं. तालिबान में महिलाओं को भी कोड़े मारने की सजा दी जा रही है. महिलाओं को व्यभिचार और नियमों के पालन न करने के आरोपों में कोड़े मारने की सजा सुनाई जा रही है.
2024 में हर महीने 50 लोगों को मिली सजा
साल 2020 में हर महीने औसतन 50 लोगों को कोड़े मारने की सजा सुनाई गई. दिसंबर 2024 में 52 लोगों को कोड़े मारने की सजा सुनाई गई थी. इसी तरह जून 2024 में 63 लोगों को कोड़े मारने की सजा सुनाई गई थी.
तालिबान के इस एक्शन की पूरी दुनिया में खूब आलोचना होती है. इसके बावजूद तालिबान इसमें सुधार नहीं करता है. यूएन ने भी कोड़े मारने का विरोध किया था.
the fun of Taliban in punishing – हालांकि, इस्लामी कानूनों का हवाला देते हुए तालिबान लगातार इसे जायज ठहराता रहा है. तालिबानी शासन की वजह से ही अफगानिस्तान के लोग दुनिया के सबसे दुखी लोगों में शुमार हैं.
वर्ल्ड हैप्पिनेस इंडेक्स के मुताबिक अफगानिस्तान सबसे दुखी देश है. यहां के महिलाओं ने अपने जीवन को सबसे कठिन बताया है.