हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर के घुमारवीं वन परिक्षेत्र के भींगू जंगल में आग लग गई और कई पौधे आग की चपेट में आ गए. ये आग उस वक्त लगी, जब वन विभाग की ओर से जंगल में आग पर काबू (false fire was really spread) पाने के लिए मॉक ड्रिल की जा रही थी. लेकिन आग पर काबू पाने की कोशिश करने के चक्कर में जंगल में ही आग लग गई और ये दूर तक फैल गई.

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false fire was really spread – भींगू जंगल में लगी आग की चपेट में जैव विविधता संरक्षण के अंडर लगाए गए अनार की दाडू प्रजाति के हजार पौधे और सागवान के पौधों में से आधे से ज्यादा जल गए. इन पौधों की देखभाल कोई और नहीं बल्कि गांव के ही रहने वाले वन प्रेमी कर रहे थे. ये पौधे जाइका की ओर से लगाए गए थे.

मॉक ड्रिल के लिए लगाई आग

गांव वालों ने वन विभाग पर ही आग लगने का आरोप भी लगाया और कहा कि वन विभाग की लापरवाही से ये नुकसान हुआ है. उन्होंने मामले में जांच की जाने की मांग भी की है. गांव वालों का आरोप है कि जिस दौरान मॉक ड्रिल की जा रही थी. उस दौरान नए वन कर्मचारियों को आग बुझाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी और उन्हें टेक्निक सिखाई जा रही थी.

नियम के मुताबिक मॉक ड्रिल

ग्रामीणों को कहना है कि मॉक ड्रिल के दौरान वन विभाग के साथ NDRF, जल शक्ति विभाग, अग्निशमन विभाग और बाकी विभागों की टीम भी शामिल हुई थीं. वन क्षेत्र अधिकारी और वन खंड अधिकारी दोनों ने दावा किया है कि ये मॉक ड्रिल पूरे नियम के मुताबिक की गई है. इसके लिए जो एक बीघा क्षेत्र निर्धारित किया गया था. उस क्षेत्र में कोई भी पेड़ नहीं था.

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