- दो बड़े मामलों में आरोपी है शाहरुख पठान
नई दिल्ली। पिछले साल दिल्ली में हुए दंगों में जवान पर पिस्तौल तानने वाले दंगाई शाहरुख के वकील ने अदालत में दी गई अर्जी में कहा है कि पठान को दूसरों के साथ पथराव करते नहीं देखा गया और ना ही उसे पुलिस द्वारा पेश किए गए सबूतों में किसी सामूहिक कार्रवाई की रणनीति बनाते हुए दिखाया गया, इसलिए दंगे का कोई अपराध नहीं बनता है।
इसमें आगे कहा कि पुलिस का मामला दहिया द्वारा दिए गए एक बयान पर टिका हुआ है, जहां उन्होंने आरोप लगाया कि पठान उन लोगों का नेतृत्व कर रहा था जो सरकार विरोधी और सीएए विरोधी नारे लगा रहे थे, पुलिस और आम जनता पर गोलियां चला रहे थे और पत्थर फेंक रहे थे।
पठान की ओर से वकील खालिद अख्तर और मोहम्मद शादान द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि विरोधी और हिंसक दोनों गतिविधियों में शामिल दो बड़े समूहों के एक पक्ष के सामने होने से ही पठान भीड़ का नेता नहीं बन जाता।
इसलिए यह आग्रह है कि अदालत आरोपी शाहरुख पठान को एफआईआर संख्या 51/2020 में जांच के अनुसार उसके खिलाफ सभी अपराधों से मुक्त करने का आदेश जारी करने की कृपा करे।
आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) अदालत को किसी भी विशिष्ट अपराध के लिए अभियुक्तों को आरोपमुक्त करने का अधिकार देती है, यदि उसके खिलाफ कार्यवाही के लिए ‘पर्याप्त आधार’ नहीं है।
पठान दो मामलों में आरोपी है, एक हेड कॉन्स्टेबल दहिया पर बंदूक तानने से संबंधित है और दूसरा उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के दौरान एक मामला रोहित शुक्ला की हत्या के प्रयास से संबंधित है।