Telecom Devices - देश में 5जी सेवा की शुरुआत से पहले सरकार सभी पैमानों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने में जुटी है। जल्द टेलीकॉम क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले सभी प्रकार के उपकरणों की सुरक्षा जांच को अनिवार्य किया जाएगा। उपकरणों की जांच कम्युनिकेशन सिक्योरिटी सर्टिफिकेशन स्कीम (कॉमसेक) के तहत होगी। इसे लागू करने की जिम्मेदारी नेशनल सेंटर फॉर कम्युनिकेशन सिक्योरिटी (एनसीसीएस) की होगी।
सरकार ने इस बात की जानकारी संसद की स्थायी समिति को भी दी है। टेलीकॉम मंत्रालय के मुताबिक कॉमसेक के तहत भारत में बिकने वाले और भारतीय टेलीकॉम नेटवर्क में इस्तेमाल होने वाले सभी प्रकार के उपकरण कवर होंगे। मोबाइल फोन से जुड़े उपकरण भी कवर होंगे। इस व्यवस्था के प्रभावी होने के बाद उपकरण निर्माता, आयातक या डीलर जो भारत में किसी भी टेलीकॉम उपकरण को बेचना चाहता है, उसे सर्टिफिकेट हासिल करना होगा। टेलीकॉम इक्विपमेंट एंड सर्विस एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (टीईपीसी) के चेयरमैन संदीप अग्रवाल कहते हैं,
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Telecom Devices – ‘टेलीकॉम सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जांच सर्टिफिकेट के साथ ही सरकार को 2023 से गैर भारतीय उपकरण के इस्तेमाल पर रोक लगा देनी चाहिए।’ उनका कहना है, सुरक्षा के लिए सोर्स कोड भारत में होना चाहिए, हार्डवेयर भारत में डिजाइन हुआ हो और भारत में ही निर्माण किया गया हो। विशेषज्ञों के मुताबिक भारत-चीन सीमा पर चीन की हरकतों के बाद चीन के उपकरण विश्वसनीय नहीं रह गए हैं। अमेरिका और ब्रिटेन ने तो चीन की कंपनी हुआवे की 5जी सेवा के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है, लेकिन भारत की तरफ से चीन की कंपनियों समेत किसी भी कंपनी के उपकरण या सेवा पर रोक नहीं लगाई गई है।
Telecom Devices – व्यापक होगा 5जी का दायरा विशेषज्ञों के मुताबिक 5जी सेवा सिर्फ मोबाइल यूजर्स के लिए नहीं होगी बल्कि इसके माध्यम से बैंकिंग सेवा से लेकर बड़े-बड़े बिजनेस को अंजाम दिया जाएगा। इसलिए इसकी सुरक्षा का ध्यान रखना जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि 5जी की सुरक्षा और सफलता इस बात पर भी निर्भर है कि 5जी वाले स्मार्टफोन भारत में कितने सस्ते बनते हैं। सस्ते स्वदेशी टेलीकॉम उपकरणों को विकसित करने के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने टेलीकॉम रिसर्च एंड डेवलपमेंट फंड की स्थापना की सिफारिश की थी, लेकिन अब तक इस फंड की स्थापना नहीं की गई है।
सक्षम हैं भारतीय मैन्यूफैक्चरर्स विशेषज्ञों के मुताबिक 2जी, 3जी और 4जी में विदेशी मैन्यूफैक्चरर्स ने बाजी मार ली, लेकिन 5जी के मामले में ऐसा नहीं है। 5जी के सभी कंपोनेंट्स को भारत में विकसित किया जा सकता हैं। टेलीकॉम इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चर्रस एसोसिएशन (टेमा) ने भी सरकार से 5जी सेवा के लिए घरेलू उपकरणों की खरीदारी को अनिवार्य करने की गुजारिश की है।
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