नई टिहरी : जनपद के जौनपुर क्षेत्र के नागथात (बिरोड़) में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को देश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी (Spiritual And Cultural Capital) बनेगी। इसके लिए काम किया जा रहा है। हमारे पूर्वजों की अपनी धरोहर को बचाने और उसके संरक्षण में राज्य सरकार महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्हीं के प्रयासों से आज हमारे मेले, त्योहार और संस्कृति जीवित हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यह बात रविवार को नागदेवता मंदिर में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम और स्थानीय मेले में पूजा-अर्चना कर प्रतिभाग करने के अवसर पर बाेल रहे थे। साथ ही उन्होंने नाग देवता के दर्शन कर प्रदेश और देशवासियों की खुशहाली की कामना की।
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Spiritual And Cultural Capital – मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आज बहुत ही पवित्र दिन है, जब भगवान नागराजा की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है। हम बहुत भाग्यशाली हैं, जो हमको इस पावन मौके पर भगवान नाग राजा का साक्षात आशीर्वाद मिला है। प्रदेश और प्रदेश वासियों पर भगवान नाग राजा की कृपा हमेशा बनी रहे। उन्होंने कहा कि हमारे मेले-थोलों का इतिहास सैकड़ों वर्ष पुराना है। हमारे पूर्वजों की अपनी धरोहर को बचाने और उसके संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्हीं के प्रयासों से आज हमारे मेले, त्योहार और संस्कृति जीवित हैं।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दौर में मेले-थोलों की संस्कृति को नई पीढ़ी के साथ देश-दुनिया में पहुंचाने का काम किया जायेगा। इसके लिए सरकार पूरी प्रतिबद्धता से मेलों के संरक्षण के लिए काम कर रही है। सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में पर्यटन और तीर्थाटन तेजी से बढ़े, ताकि पलायन पर लगाम लग सके। इसके लिए विभिन्न सर्किट बनाकर धार्मिक और पर्यटन स्थलों को विकसित करने का काम किया जा रहा है। उत्तराखंड को देश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी बनाने का काम किया जा रहा है।