- कहा- ‘हवा में चलाई गोलियां, निशाने पर नहीं था जवान दीपक दहिया‘
नई दिल्ली। वर्ष 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए साम्प्रदायिक दंगों के दौरान दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल पर कथित तौर पर पिस्तौल तानने वाले शाहरुख पठान ने यहां एक अदालत का रुख किया और मामले में सभी अपराधों से आरोपमुक्त किए जाने का अनुरोध किया।
दंगों के दौरान पठान की एक निहत्थे पुलिस वाले दीपक दहिया पर पिस्तौल ताने हुए एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। शाहरुख पठान को तीन मार्च 2020 को गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह तिहाड़ जेल में बंद है।
पठान भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और शस्त्र कानून के तहत घातक हथियार से दंगा करने, हत्या के प्रयास, मारपीट और लोक सेवक को कर्तव्य के पालन में बाधा डालने जैसे अपराधों के आरोपों का सामना कर रहा है। पठान के वकील ने कहा है कि अर्जी पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत 21 सितंबर को सुनवाई करेंगे।
अपने वकील के जरिए दाखिल अर्जी में पठान ने घटना के 26 सेकेंड के वीडियो का हवाला दिया है और कहा है कि उसके खिलाफ ‘हत्या की कोशिश’ का अपराध नहीं बनता है क्योंकि उसने हवा में गोलियां चलाई थी और दहिया उसके निशाने पर नहीं थे।
अर्जी में कहा गया है कि शाहरुख पठान को धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत अपराध से आरोप मुक्त किया जाना चाहिए और इसके बजाय अभियोजन पक्ष दूसरों के जीवन को खतरे में डालने वाले कानून के लिए धारा 336 के तहत आरोप तय करने का दावा कर सकता है।
गौरतलब है कि फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के समर्थकों और उसके प्रदर्शनकारियों के बीच सांप्रदायिक झड़पें हुई थीं। इस हिंसा में कम से कम 53 लोग मारे गए और 700 से अधिक घायल हो गए।