बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के दौरान निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) ने लगभग 3 लाख मतदाताओं के दस्तावेजों में गड़बड़ियां पाई हैं. इन मामलों (Election Commission suspects on 3 lakh voters) में संबंधित लोगों को नोटिस भेजकर सात दिनों के उपस्थित होने के लिए कहा गया है. अधिकारियों की जानकारी के अनुसार, यह संख्या अभी और बढ़ सकती है क्योंकि विधानसभा क्षेत्रों में दस्तावेजों की जांच प्रक्रिया अभी जारी है.

Election Commission suspects on 3 lakh voters – चुनाव आयोग द्वारा 1 अगस्त को जारी की गई ड्राफ्ट मतदाता सूची में कुल 7.24 करोड़ मतदाताओं के नाम शामिल किए गए हैं. इन सभी वोटर्स को पात्रता साबित करने के लिए चुनाव आयोग कि तरफ से निर्धारित 11 दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज 1 सितंबर तक जमा करना होगा. चुनाव आयोग ने रविवार को एक आधिकारिक बयान में बताया कि अब तक 98.2% वोटर्स ने जरूरी दस्तावेज जमा कर दिए हैं. सूत्रों के अनुसार, इस हफ्ते से ईआरओ उन मतदाताओं को नोटिस भेज रहे हैं जिन्होंने या तो कोई दस्तावेज नहीं दिया है, गलत दस्तावेज दिखाए,

मतदाताओं को नोटिस जारी

ईआरओ द्वारा जारी किए गए नोटिस में किसी खास नियम या कानूनी प्रावधान का उल्लेख नहीं किया गया है. यह केवल एक सामान्य सूचना के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिसका उद्देश्य ड्राफ्ट रोल में प्रविष्टियों के सत्यापन से संबंधित है. नोटिस में यह दर्शाया गया है कि संबंधित मतदाता का नाम गणना फॉर्म और घोषणा के आधार पर फॉरमेट वोटर लिस्ट में शामिल किया गया था. नोटिस में कहा गया है कि आपके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के सत्यापन के दौरान यह पाया गया कि उनमें कुछ गड़बड़ी है.

नागरिकता और पात्रता जांच की प्रक्रिया

संबंधित मतदाताओं को निर्देश दिया गया है कि वो निर्धारित समय पर अपने दस्तावेजों की मूल कॉपी के साथ ईआरओ के सामने उपस्थित हों. सूत्रों के अनुसार, प्रत्येक वोटर को सात दिन का नोटिस दिया जा रहा है. एक अधिकारी ने साफ किया कि किसी भी मतदाता का नाम बिना ईआरओ द्वारा सुनवाई और उचित आदेश के हटाया नहीं जाएगा.

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