5 जून, 2019 को मोदी सरकार ने लिया था बड़ा फैसला, देश की अर्थव्यवस्था और बेरोज़गारी को ध्यान में रखकर श्री नरेंद्र मोदी ने 8 कैबिनेट समितियों का गठन किया था|
उन समितियों में राजनाथ सिंह को सिर्फ 2 समितियों में शामिल किया गया था| पूर्व गृहमंत्री और वर्तमान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए मंत्रिमंडल में उन्हें पिछले बार के मुकाबले एक पायदान नीचे का मंत्रालय दिया है|
इसके बाद कैबिनेट की समितियों में से केवल दो में ही उनको शामिल किया गया| यह खबर आग की रफ्तार से फैली| चारों ओर यह चर्चा होने लगी कि राजनाथ का पद कम किया गया है| यही वजह है कि उन्हें केवल दो समितियों में रखा गया है|
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अमित शाह का दबदबा
गुरुवार सुबह केवल दो समितियों में शामिल राजनाथ सिंह को साम तक 6 सामितियो में शामिल कर दिया गया| बताया जा रहा है की ये सब संघ के प्रभाव का असर है|
अगर दूसरी तरफ देखे तो अमित शाह के केंद्र सरकार में गृहमंत्री बनने से सरकार पर पूरी तरह नरेंद्र मोदी और अमित शाह का दबदबा कायम हो चुका है और अमित शाह अभी पार्टी के अध्यक्ष भी बने हुए हैं|
केंद्रीय समितयों की सबसे महत्त्वपूर्ण ‘अपॉइंटमेंट्स समिति ऑफ द कैबिनेट’ में भी केवल इन्हीं दो नेताओं के नाम है| सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार अगर सब ऐसा चलता रह तो आने वाले समय में देश के सर्वोच्च पदों पर होने वाली नियुक्तियों के मामले में भी इन्हीं का फैसला अंतिम होगा|
नितिन गडकरी को नहीं किया गया शामिल
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का विश्वासपात्र माने जाने वाले नेता (नितिन गडकरी या राजनाथ सिंह) इसमें से कोई भी शामिल नहीं है| इन सब बातो को देख के संघ ने इन बातो पे तेज प्रतिक्रिया व्यक्त किया जिसका असर हमे देर साम तक देखने को मिल गया|
इस दबाव के बाद भी उन्हें सबसे महत्त्वपूर्ण मानी जाने वाली अपॉइंटमेंट्स समिति ऑफ द कैबिनेट में जगह नहीं मिली है, जो ये बताता है कि प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह अपने काम में किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं चाहते है|
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