हरियाणा से राज्यसभा के लिए कांग्रेस ने अजय माकन को नामित करके (Punjabi Card) पंजाबी कार्ड खेला है। पार्टी की राज्य इकाई में पंजाबी नेता उनके चयन को लेकर उत्साहित हैं, हालांकि कुछ लोग इससे नाराज भी हैं। सीएलपी नेता भूपिंदर हुड्डा एक जाट हैं और उदय भान एक दलित लीडर हैं, जो राज्य अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं।

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Punjabi Card – कांग्रेस के एक सीनियर विधायक ने कहा, “माकन के नामांकन के साथ पार्टी के भीतर जाति समीकरण को संतुलन में रखने का प्रयास किया जा रहा है। एक दलित राज्य प्रमुख (कुमारी शैलजा) की जगह एक और दलित (उदय भान) को लाया गया। पंजाबी जो कांग्रेस के पक्ष में हुआ करते थे, वे वर्षों से दूर हो गए हैं। भाजपा की ओर से एमएल खट्टर के रूप में पंजाबी सीएम देने के साथ समुदाय भगवा पार्टी के साथ दिख रहा है। माकन का नामांकन उन्हें वापस लुभाने का एक प्रयास हो सकता है।”

 माकन 2004 से 2014 तक AICC के महासचिव और दो बार के लोकसभा सांसद रहे हैं। वह मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री और तीन बार 1993 से 2004 तक दिल्ली विधानसभा के सदस्य रहे। उन्होंने न केवल दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष के रूप में काम किया है बल्कि शीला दीक्षित सरकार में मंत्री भी रहे हैं। कांग्रेस के मुख्य सचेतक बीबी बत्रा पार्टी के एकमात्र पंजाबी विधायक हैं। उन्होंने कहा कि माकन के नामांकन के साथ समुदाय को प्रतिनिधित्व मिला है। यह एक अच्छा फैसला है।

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विधायक अशोक अरोड़ा ने कहा कि नामांकन पंजाबियों के लिए सम्मान की बात है। वहीं, राज्य के बाहर से उम्मीदवार के चयन पर बात करते हुए सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि दिल्ली हरियाणा से ज्यादा दूर नहीं है। दरअसल, हरियाणा दिल्ली को तीन तरफ से घेरता है। भाजपा के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई में वह अहम रोल निभाएंगे। वह हमारे बेहद करीब हैं। वहीं, आदमपुर विधायक कुलदीप बिश्नोई और शैलजा इस फैसले से नाराज मालूम होते हैं। रविवार को बिश्नोई ने ट्विटर पर फतेहाबाद में हुड्डा की रैली में पर चुटकी ली। वह हाल ही में सीएम से भी मिले थे और पार्टी के कार्यक्रमों में शामिल नहीं हुए हैं।

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