लुधियाना : पंजाब के मुख्य्मंत्री भगवंत मान की अगुवाई में बुधवार को लुधियाना में ओपन डिबेट रखी गई थी। ‘मैं पंजाब बोलदा हां’ महाबहस में शामिल होने के लिए विरोधी पार्टियों के नेताओं को न्योता दिया गया। डिबेट (Punjab Debate) से पहले ही एजेंडा क्लीयर किया गया था। सीएम मान ने विरोधियों को चुनौती देते हुए ललकारा था। डिबेट के लिए पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी में मान सरकार ने मंच सजाया। सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किए गए। स्टेज पर 5 कुर्सियां लगाई गई, जिस पर बकायदा कुर्सियों पर बैठने वाले दिग्गजों के नाम भी लिखे गए। हर टेबल पर माइक लगाया गया, साथ ही पानी की बोतल, डायरी, पेन, जूस, और ड्राई फ्रूट तक रखा गया।

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 मंच पर विपक्ष की कुर्सियां लगाई गईं लेकिन विपक्षी नेताओं की कुर्सियां खाली पड़ी रहीं। डिबेट में विपक्ष का एक भी नेता शामिल नहीं हुआ। सीएम भगवंत मान अकेले ही मंच पर बोलते दिखे। इसका अंदाजा पहले से ही था क्योंकि विरोधियों की तरफ से पहले ही बहानेबाजी शुरू हो गई थी। कोई कह रहा था कि उन्हें बुलाया नहीं गया तो कोई कह रहा था कि इस डिबेट का मुद्दा नहीं बताया गया। लेकिन सच बात तो ये है कि विरोधियों की ये दोनों ही दलीलें गलत थीं। वो इसलिए क्योंकि डिबेट से पहले ही सीएम भगवंत मान ने कहा था कि इसमें 1966 के बाद पंजाब बनने से लेकर अब तक के हर संजीदा मसलों पर चर्चा होगी।

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 Punjab Debate – सीएम मान ने डिबेट से पहले ही सभी विरोधियों को आमंत्रित किया था। लेकिन पता नहीं विरोधियों को किस बात का डर सता रहा था कि कोई भी ओपन डिबेट में शामिल होने नहीं पहुंचा। आपको बता दें कि ओपन डिबेट में चर्चा के लिए कांग्रेस के पंजाब प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, विधानसभा में विपक्षी दल कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा, अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल और भाजपा के पंजाब अध्यक्ष सुनील जाखड़ को बुलाया गया था लेकिन कोई भी गणमान्य नहीं पहुंचे।

 

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