कानपुर के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में रसायन विज्ञान के रिसर्च छात्र अंकित यादव की आत्महत्या के मामले में कल्याणपुर थाना पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर एक असिस्टेंट प्रोफेसर, एक रिसर्च छात्रा और उनकी मां के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया है. अंकित के परिजन की ओर से कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बाद केस दर्ज हुआ है, क्योंकि पुलिस ने पहले उनकी शिकायत पर (professor research and student) कोई कार्रवाई नहीं की थी.

आजमगढ़ जिले के फूलपुर थाना क्षेत्र के उफरी गांव निवासी अंकित यादव (25) ने बीती 10 फरवरी को अपने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. उनके पिता रामसूरत यादव ने आरोप लगाया कि दिल्ली के द्वारिका निवासी रिसर्च छात्रा योगिता यादव, जो अंकित की लैबमेट थी, ने उनके बेटे का आर्थिक और मानसिक शोषण किया.

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रामसूरत के अनुसार, योगिता ने अंकित से संबंध बनाकर उनसे पैसे ऐंठने शुरू किए और दबाव में अंकित ने पर्सनल लोन लेकर उसे 50 हजार रुपये दिए. रामसूरत ने बताया कि उन्होंने इसकी शिकायत योगिता की मां मीरा यादव से की, जिन्होंने माफी मांगकर रकम लौटा दी. लेकिन बाद में योगिता और मीरा ने अंकित को आपत्तिजनक फोटो और वीडियो वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया.

professor research and student – इसके अलावा, अंकित के गाइड असिस्टेंट प्रोफेसर पार्थ सारथी ने भी उन्हें सार्वजनिक रूप से अपमानित किया. योगिता और उनकी मां ने कथित तौर पर झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर अंकित से पांच लाख रुपये की मांग की. इन सबके चलते तनाव में आए अंकित ने आत्महत्या कर ली. पुलिस ने अंकित के कमरे से एक सुसाइड नोट बरामद किया, जिसमें लिखा था, मैं क्विट कर रहा हूं.

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