देश में नासिक के बाद प्याज की दूसरी सबसे बड़ी मंडी अलवर मंडी को माना जाता है. यहां से देश के अलावा अन्य विदेशों में भी प्याज की सप्लाई होती है. अलवर की प्याज स्वाद में अच्छी होती है, इसलिए इसलिए यहां की प्याज की डिमांड भी खूब रहती है. इस बार प्याज किसानों को रुला रही है. किसानों को प्याज के दाम नहीं मिल रहे है. मंडी में (price of onion shells in Alwar) प्याज की आवक शुरू हुई है, लेकिन किसानों के पसीने छूट रहे हैं. दाम इतने कम है कि फसल बुवाई का खर्चा भी नहीं निकल पा रहा है. किसान हताश और निराश होकर कर मंडी पहुंच रहे हैं.
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राज्य के अलवर, दौसा, भरतपुर, करौली सहित आसपास क्षेत्र में प्याज की पैदावार होती है. इस बार अलवर क्षेत्र में 60 हजार हेक्टेयर भूमि पर प्याज की बुवाई की गई थी. बीते साल किसान को प्याज के बेहतर दाम मिले थे. इसलिए इस साल किसान ने प्याज की ज्यादा पैदावार की है. बारिश के चलते प्याज की फसल खराब हो गई थी, जिन किसानों ने प्याज की फसल की पहले बुवाई की थी उन किसानों की प्याज अब मंडी में पहुंचने लगी है. किसानों को प्याज के बेहतर (price of onion shells in Alwar) दाम नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में किसान परेशान हैं. मंडी में प्याज 200 रुपए से 600 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रही है. एक बीघा प्याज की फसल की बुवाई में 50 से 65 हजार रुपए का खर्चा आता है. किसान को डर है कि दाम इतने कम हैं, ऐसे में कर्ज कैसे चुकता होगा.


