नई दिल्ली : लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने वाले 128वें संविधान संशोधन विधेयक के संसद से पारित होने के (PM On Women Reservation) अगले दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि यह विधेयक कोई सामान्य कानून नहीं है बल्कि नए भारत की नई लोकतांत्रिक प्रतिबद्धता का उद्घोष है। संसद में महिला आरक्षण विधेयक पारित होने पर उन्हें सम्मानित करने के लिए भारतीय जनता पार्टी की महिला मोर्चा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने बहुमत के साथ एक मजबूत सरकार की वकालत करते हुए कहा कि इसी वजह से इतने समय से लंबित इस विधेयक को संसद की मंजूरी मिलना संभव हो सका।
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PM On Women Reservation – उन्होंने कहा कि लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण की बात करीब तीन दशक से की जा रही थी लेकिन पहले के प्रयासों में प्रतिबद्धता की कमी थी। मोदी ने कहा, ‘‘हम प्रतिबद्ध थे और हमने इसे पूरा करके दिखाया है।’’ महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इन प्रयासों के चलते ही महिलाएं पिछले करीब एक दशक में एक शक्ति के रूप में उभरी हैं।
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राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और समाजवादी पार्टी (सपा) जैसे दलों पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि यही कारण है कि संसद में महिला आरक्षण विधेयक की प्रतियां फाड़ने वाले राजनीतिक दलों को भी इस बार इसका समर्थन करना पड़ा। उन्होंने कहा कि हर पार्टी को इसका समर्थन करना पड़ा।उन्होंने इस कानून को एक ऐसा कदम बताया जो महिलाओं में नया आत्मविश्वास भरेगा और आगे बढ़ने के लिए भारत की ताकत बढ़ाएगा।राष्ट्रपति की मंजूरी और उसके बाद अधिसूचना जारी होने के बाद संविधान संशोधन विधेयक जल्द ही कानून बन जाएगा।