भागलपुर बिहार के विकास का केंद्र बन सकता है. मरीन ड्राइव, ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट और इनलैंड वाटर वे से भागलपुर सिर्फ जिले की नहीं… बल्कि पूरे बिहार का नक्शा बदल सकता है. हालांकि, ‘इनलैंड वाटर वे’ के लिए गंगा की धारा को मोड़ने की योजना का लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है. लोगों को डर है कि गंगा की धारा (environment and religious faith) जिसे मोड़ा जा रहा है, वो उनके लिए मुसीबत बन सकती है.

दरअसल, हल्दिया से वाराणसी तक गंगा नदी के रास्ते व्यापार का रास्ता तैयार किया जा रहा है. अंतर्देशीय जल मार्ग परिवहन के तहत इस काम को किया जा रहा है. नदी के रास्ते व्यापार को बढ़ावा देने को लेकर बड़े जहाज चलाने की योजना बनाई जा रही है. भागलपुर में इसके लिए गंगा की धारा मोड़ कर शहर की ओर लाई जा रही है. इसके तहत गंगा नदी में लगातार ड्रेजिंग करवाया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें – बिहार बीजेपी में बड़ा फेरबदल! पार्टी ने संजय सरावगी को बनाया नया प्रदेश अध्यक्ष

ड्रेजिंग को देखते हुए दियारा के लोगों ने चिंता जताई है. उन्हें कटाव का खतरा सताने लगा है. खेती पर संकट का खतरा सताने लगा है. लोगों ने सांसद विधायक से इसकी गुहार लगाई है कि किसी भी तरह इस कार्य को रोका जाए. लोगों ने सांसद अजय मंडल और नाथनगर विधायक मिथुन यादव से भी अपनी समस्याएं बताईं. सांसद और विधायक ने भी इस पर आपत्ति जताई, साथ ही प्रशासन पर भी सवाल खड़े किए.

environment and religious faith – आईडब्ल्यूडी के रीजनल डायरेक्टर अरविंद कुमार ने बताया कि गंगा नदी के माध्यम से हल्दिया से बनारस तक जल परिवहन प्रणाली विकसित की जा रही है. इसके प्रमुख फायदे, जहाजों से माल ढुलाई सस्ती और सरल होगी, सड़क मार्ग पर वाहनों की भीड़ कम होगी, नदी किनारे के क्षेत्रों में कटाव पर नियंत्रण मिलेगा, गर्मी के मौसम में शहरी जल संकट कम होगा. इससे व्यापार व पर्यटन दोनों में तेजी से वृद्धि होगी.  

Share.
Exit mobile version