जालंधर : भ्रष्टाचार के आरोप में विजीलैंस द्वारा गिरफ्तार किए विधायक रमन अरोड़ा की मुश्किलें दिन ब दिन बढ़ती जा रही हैं। जहां एक ओर विजीलैंस द्वारा सैंकड़ों करोड़ों रुपए के घोटाले एवं बेनामी संपत्ति बनाने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया है। वहीं दूसरी ओर विधायक रमन के खिलाफ अब 35 मरले की प्राइम लोकेशन की प्रॉपर्टी को मिलीभगत से हथियाने और फिर फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी बनाकर बाद में रजिस्ट्री करवाकर कब्जा करने के (increased difficulties) आरोप में डी.जी.पी. गौरव यादव को शिकायत दी गई थी।

increased difficulties – सुल्तानपुर लोधी के रहने वाले शिकायतकर्त्ता वासु पाठक ने बताया कि भ्रष्टाचारी विधायक रमन अरोड़ा ने अपने समधी राजू मदान और बेटे राजन अरोड़ा और तहसीलदार मनिंदर सिंह सिद्धू के साथ मिलकर मोता सिंह नगर, वसंत विहार रोड में खसरा नंबर 299, 29929/5014(1-15) सालम हिस्सा रकबा 35 मरले पैमाइश 207 वर्ग फुट के फर्ज़ी मुख्तियारनामा बनाकर करोड़ों रुपए की ज़मीन के ऊपर कब्जा किया है।

नंबरदार के खिलाफ भी दोनों जगह की ओर से गवाह बनाने को लेकर छिड़ी नई चर्चा
उल्लेखनीय है कि इस तथाकथित जाली मुख्तियारनामे पर जिस नंबरदार ने गवाही फर्जी डाली है, वह लंबे समय से विवादों के साथ घिरा हुआ है। इस नंबरदार को कई दागी अधिकारियों का चहेता व राज़दार बताया जाता है। सब-रजिस्ट्रार जालंधर-1 में दस्तावेजों पर डलने वाली गवाही की अगर बात की जाए तो लगभग 60 से 70 प्रतिशत दस्तावेज़ों पर इसी नंबरदार की गवाही होती है।

शिकायतकर्त्ता बोला- पुलिस अधिकारियों के साथ भी थी विधायक अरोड़ा की सैटिंग 
वहीं शिकायतकर्त्ता वासु पाठक ने शिकायत में कहा कि विधायक रमन अरोड़ा की पुलिस अफसरों के साथ सैटिंग है, खासकर इंस्पैक्टर रैंक के अधिकारियों के साथ मिलकर काफी कुछ उन्होंने गलत काम किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक और उनके समधी राजू मदान द्वारा दीपक भल्ला की मौत को कुदरती मौत बताकर पुलिस के साथ सैटिंग करके बाद में पारिवारिक सदस्यों को डरा धमका कर कोई कार्रवाई नहीं होने दी। पीड़ित वासु ने कहा कि अब उसे और उसके परिवार को भी जान का खतरा है।

 

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