छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ (केसीजी) जिले में माओवादी उन्मूलन अभियान को एक और बड़ी सफलता मिली है। बकरकट्टा थाना क्षेत्र के गांव कुम्ही में रविवार सुबह सीपीआई (माओवादी) के 12 कैडरों ने कुल 10 हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया। इनमें सबसे बड़ा नाम 45 लाख के इनामी, केंद्रीय समिति सदस्य (सीसीएम) और (12 maoists surrendered) एमएमसी (मध्यप्रदेश–महाराष्ट्र–छत्तीसगढ़) जोन प्रभारी रामधेर मज्जी का है।

रामधेर को हाल ही में एमएमसी जोन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। यह वही क्षेत्र है जहां कुछ दिन पहले माओवादी प्रवक्ता अनंत ने महाराष्ट्र में अपने 10 साथियों के साथ समर्पण किया था और संगठन के बाकी माओवादियों के समर्पण के लिए 1 जनवरी तक का समय मांगा था। लगातार हो रही इस टूटन से माओवादी संगठन की शीर्ष संरचना डगमगा गई है।

12 maoists surrendered – रामधेर मज्जी के साथ आठ–आठ लाख के चार इनामी डीवीसीएम (डिविजनल कमेटी सदस्य) चंदू उसेंडी, ललिता, जानकी और प्रेम, पांच–पांच लाख के दो एरिया कमेटी सदस्य रामसिंह दादा और सुकेश पोट्टम, दो–दो लाख के इनामी लक्ष्मी, शीला, सागर, कविता और योगिता ने भी संगठन छोड़ दिया। इन सभी द्वारा लाए गए कुल 10 हथियारों में एके-47, इंसास, एसएलआर, 303 और 30 कैलिबर कार्बाइन शामिल हैं।

 

 

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